Johar live desk: आचार्य चाणक्य की नीतियाँ जीवन में सफलता और सुख की कुंजी हैं। उनकी नीतियों को अपनाकर हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार, परिवार में खुशियों को बनाए रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
अन्न की बर्बादी न करें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अन्न की बर्बादी करना पाप है। हमें कभी भी अन्न को बर्बाद नहीं करना चाहिए। अन्न की बर्बादी करने से घर में आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए हमें अन्न को बचाने का प्रयास करना चाहिए और अपने बच्चों को भी यही सिखाना चाहिए। मां अन्नपूर्णा को हिंदू धर्म में अन्न की देवी के रूप में पूजा जाता है, इसलिए कभी न तो अन्न बर्बाद करें और न ही किसी सदस्य को करने दें।
फिजूलखर्ची से बचें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, फिजूलखर्ची करना भी घर की आर्थिक स्थिति को खराब कर सकता है। हमें अपने पैसों का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए और फिजूलखर्ची से बचना चाहिए। हमें अपने बच्चों को भी यही सिखाना चाहिए ताकि वे भी अपने पैसों का सही तरीके से उपयोग कर सकें। अगर आपके घर में किसी सदस्य को फिजूलखर्ची की आदत है, तो उसमें तुरंत बदलाव करने की जरूरत है। इससे भी परिवार की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है। क्योंकि एक को देखकर घर के अन्य लोग और बच्चे भी यही सीखते हैं और पैसों का महत्व नहीं समझते। इसलिए न तो फिजूलखर्ची करें और न ही किसी और को करने दें।
नियमों का पालन करें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, घर में नियमों का पालन करना आवश्यक है। हमें अपने घर में नियम बनाने चाहिए और उनका पालन करना चाहिए। हमें अपने बच्चों को भी यही सिखाना चाहिए ताकि वे भी नियमों का पालन कर सकें। परिवार में जो भी नियम बनाए जाते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि घर के सभी सदस्य उनका पालन करें, चाहे वह छोटे हों या बड़े। क्योंकि अगर बड़े लोग ही नियम तोड़ते हैं, तो छोटे भी यही सिखते हैं। इसलिए अगर आप ही नियमों का पालन नहीं करते, तो अन्य लोगों से भी ऐसा करने की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए।
भेदभाव न करें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, घर में भेदभाव करना गलत है। हमें अपने घर में सभी सदस्यों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए और किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। हमें अपने बच्चों को भी यही सिखाना चाहिए ताकि वे भी सभी के साथ समान व्यवहार कर सकें। आचार्य चाणक्य के अनुसार, घर के लोगों के बीच कभी भी भेदभाव की भावना नहीं आनी चाहिए।