Johar Live Desk : भारत में केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक (RBI) अगले हफ्ते 9 अप्रैल को अपनी इंटरेस्ट रेट में कमी कर सकता है. इसकी संभावना तब और मजबूत हो गई है जब CPI (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) आधारित इनफ्लेशन में गिरावट आई है और आर्थिक विकास की रफ्तार अब भी सुस्त बनी हुई है. RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक 7 अप्रैल से शुरू होगी, और इसके नतीजे 9 अप्रैल को सार्वजनिक किए जाएंगे. इस दिन RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा के बयान पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी.
आर्थिक आंकड़ों के अनुसार, रिटेल इनफ्लेशन में कमी आई है और वर्तमान में यह 3.6 फीसदी के स्तर पर आ चुका है, जो पिछले सात महीनों में सबसे कम है. खासकर, फूड इनफ्लेशन में भी गिरावट देखी जा रही है, जिसमें सब्जियों की कीमतों में हुई तेज गिरावट का महत्वपूर्ण योगदान है. इस गिरावट के साथ, आरबीआई का 4 फीसदी का इनफ्लेशन टारगेट अब अधिक साकारात्मक नजर आने लगा है.
हालांकि, भले ही इनफ्लेशन पर नियंत्रण पाया गया हो, लेकिन आर्थिक विकास की गति अभी भी सुस्त है. ऐसे में, आरबीआई के पास इंटरेस्ट रेट में कटौती करने के अलावा अन्य विकल्प सीमित हैं, ताकि अर्थव्यवस्था को गति मिल सके. रिजर्व बैंक के इस कदम को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में मददगार साबित हो सकता है.
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