रांची : देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम लागू करता है. चुनाव आयोग के उन नियमों को आचार संहिता कहा जाता है. आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ लागू हो जाती है और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने और वोटों की गिनती होने तक लागू रहती है.
इस नियम के लागू होने के बाद राजनेताओं से लेकर आम जनता तक सभी पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है और देशभर में आचार संहिता लागू है.
आचार संहिता क्या है?
चुनाव आयोग देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कुछ नियम लागू करता है. चुनाव समिति के उन नियमों को आचार संहिता कहा जाता है. आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ लागू हो जाती है और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने और वोटों की गिनती होने तक लागू रहती है.
आचार संहिता लागू होने के बाद इसके नियम चुनाव से जुड़े लोगों जैसे नेताओं और कार्यकर्ताओं पर तो लागू होते हैं, लेकिन आम जनता पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी जाती हैं.
आचार संहिता के नियम :
- आदर्श आचार संहिता लागू होने पर सरकारी वाहनों में सायरन नहीं लगाया जा सकता.
- सरकारी आवास में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्रियों और राजनीतिक हस्तियों की तस्वीरें लगाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है.
- कोई भी व्यक्ति या नेता प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या अन्य मीडिया में सरकार की उपलब्धियों का विज्ञापन नहीं कर सकता है.
- इस दौरान आम लोगों को भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है. आपकी एक गलती आपको जेल भेज सकती है.
- आप ऐसी कोई फोटो या वीडियो शेयर नहीं कर सकते जिसमें सरकार की उपलब्धियां गिनाई जा रही हों.
- अगर आप ज्यादा पैसे लेकर चल रहे हैं तो चुनाव आचार संहिता के दौरान आपसे पूछताछ की जाएगी और आपको कैश के संबंध में सबूत देना होगा.
- आम लोगों और व्यापारियों को अपने साथ नकदी ले जाने का कुछ रिकॉर्ड जरूर रखना चाहिए. जैसे कि यह पैसा क्यों लिया जा रहा है और इसका स्रोत क्या है.
- इसके अलावा बड़े डिजिटल लेनदेन पर भी नजर रखी जाती है.
- किसी भी UPI आधारित पेमेंट ऐप के जरिए रोजाना 50,000 रुपये का लेन देन किया जा सकता है. इससे अधिक पर कार्रवाई हो सकती है.