गुमला : बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र के घाघरा प्रखंड अंतर्गत अति नक्सल प्रभावित विमरला व दीरगांव पंचायत के कई गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने रोड की समस्या को लेकर सरइडीह गांव में बैठक की, जिसमें महिला पुरुष हाथों में रोड नही, तो वोट नहीं की तख्ती लिए शामिल हुए. ग्रामीणों ने रोड नहीं, तो वोट नहीं के नारे लगाये, साथ ही रोड नहीं बनने पर आगामी विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करने का भी निर्णय लिया.

गर्भवती महिलाओं व स्कूली बच्चों को ज्यादा परेशानी

बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि इस क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या सड़क की है. हमारे गांव की प्रखंड मुख्यालय से दूरी लगभग 30 किमी है, लेकिन इस ओर न तो सांसद, विधायक और न ही जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है. सड़क के अभाव में सबसे अधिक परेशानी गर्भवती महिला, बीमार लोग और स्कूली बच्चों को होती है.

बोले लोग-हमारा इस्तेमाल सिर्फ वोट पाने के लिए

सड़क की खराब स्थिति के कारण गर्भवती महिलाओं व बीमार लोगों को इलाज के लिए प्रखंड मुख्यालय ले जाने में परेशानी होती है. रोड में बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिससे चार चक्का वाहनों का चलाना काफी मुश्किल है. इस समस्या से सांसद व विधायक से लेकर प्रशासन तक को अवगत कराया गया है, परंतु अभी तक किसी की ओर से गांव की सड़क को बनाने में रुचि नहीं दिखाई गयी है. चुनाव जीतने के बाद से स्थानीय विधायक चमरा लिंडा एक बार भी गांव नहीं आए हैं. सिर्फ हमारा इस्तेमाल वोट लेने के लिए किया जाता है.

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