New Delhi : अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डंकी रूट से लोगों को विदेश ले जाने वाले एजेंटों पर नकेल कसने की आवश्यकता जताई थी। अब इस दिशा में भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक विधेयक पेश किया है, जिसके अनुसार, फर्जी पासपोर्ट या वीजा का उपयोग करने वाले व्यक्तियों को सात-साल तक की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
विधेयक के मुख्य बिंदु:
जानबूझकर जाली पासपोर्ट या वीजा का उपयोग करने पर कम से कम दो साल की कैद, जो बढ़कर सात साल तक हो सकती है।
जुर्माना: एक लाख से लेकर दस लाख रुपये तक।
होटल, विश्वविद्यालय, और अस्पतालों को विदेशियों की जानकारी देने की अनिवार्यता।
बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश करने पर पांच साल तक की सजा और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना।
आव्रजन एवं विदेशी विधेयक, 2025, अवैध प्रवास की समस्या से निपटने और विदेशियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक व्यापक कानून है। यह विधेयक चार पुराने अधिनियमों को निरस्त कर नए नियमों को शामिल करेगा।
एक अधिकारी ने बताया कि यह विधेयक भारत में अवैध प्रवास की समस्या को नियंत्रित करने में मदद करेगा और विदेशियों की गतिविधियों पर नजर रखने में सहायक होगा।
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