Johar Live Desk : 30 रोजे के बाद आने वाले ईद के त्योहार का अपना अलग ही महत्व है। मुस्लिम समाज के लोग ईद को लेकर खासी तैयारी करते हैं। घर में त्योहार पर विशेष खान-पान के इंतजाम के साथ ही नए कपड़े पहनते हैं। नमाज, रोजा, तिलावत व नेक कामों के जरिए अल्लाह की इबादत की जा रही है। रविवार को 29वां रोजा मुकम्मल करके ईद का चांद (शव्वाल माह) देखा जायेगा। अगर चांद नजर आ गया तो सोमवार यानि 31 मार्च को ईद का त्योहार मनाया जाएगा। अगर चांद नहीं दिखा तो मंगलवार को यानि एक अप्रैल को ईद का त्योहार मनाया जाएगा।
लखनऊ में यहां करें चांद दिखने की तस्दीक :
ईद का चांद 30 मार्च को देखा जाएगा। मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल की ओर से शाम को ऐशबाग ईदगाह में चांद देखा जाएगा। वहीं मरकजी शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने लोगों से अपील की है कि रविवार को ईद का चांद देखने की कोशिश करें।
महिलाओं की नमाज के लिए विशेष इंतजाम :
ऐशबाग ईदगाह इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि ईदगाह में ईद की नमाज की तैयारियां मुकम्मल हो गई हैं। उन्होंने तमाम मुसलमानों से अपील की है कि ईद की नमाज से पहले फित्रा जरूर अदा करें। साथ ही ईदगाह में नमाज करें। मौलाना ने कहा कि ईदगाह लखनऊ में औरतों की नमाज के विशेष इंतजाम किए गए हैं।
ईद का होता है विशेष महत्व :
इस्लाम में ईद का बहुत अधिक महत्व होता है। ईद मोहब्बत का पैगाम देता है। ईद का भाईचारगी और मिलनसारी का संदेश देता है। ईद यह बताता है कि हमारा कोई रब है, कोई पैदा करने वाला है जिसके हुक्म पर जिंदगी गुजारनी चाहिए। ईद यह पैगाम यह भी है कि पूरे महीने में जिस तरह से हलाल और अल्लाह की रजामंदी के लिए नेक काम किये, रोजे रखे इबादत किया और जहां तक हो सका गरीबों का इंसानों का एहतेराम किया। हमेशा पूरे साल इसका ख्याल रखा जाये, एक इंसान अपने अल्लाह से भी अपने रिश्ते को अच्छा रखे और जमीन पर बसने वाले तमाम इंसानों का ख्याल करें और एहतेराम करें।
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