नई दिल्ली : CrPC, IPC में बदलाव वाले बिल पर लोकसभा में चर्चा के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया कि देश के खिलाफ बोलने पर जेल जाना होगा. मॉब लिंचिंग करने वालों को फांसी की सजा होगी. उन्होंने कहा कि देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पुनर्जीवित करना है, जिसमें “दंड” के बजाय “न्याय” पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. बता दें कि भारतीय न्याय संहिता, 2023 बिल लोकसभा में पास हो गया है.

लोकसभा में गृहमंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से नए भारत की कानून व्यवस्था अत्याधुनिक होगी. साथ ही कहा कि मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और हम नए कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं.

अमित शाह ने कहा कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के बारे में अब हर पुलिस स्टेशन में विवरण दर्ज किया जाएगा और एक नामित पुलिस अधिकारी इन रिकॉर्डों को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने तस्करी कानूनों को जेंडर-न्यूट्रल बना दिया है.

गृहमंत्री ने कहा कि हम राजद्रोह की जगह देशद्रोह लेकर आए हैं. आईपीसी ने राजद्रोह को “सरकार के खिलाफ कार्य” के रूप में परिभाषित किया था. लेकिन BNS प्रावधान उन लोगों के लिए है, जो देश की संप्रभुता, सुरक्षा को प्रभावित करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की आलोचना तो कोई भी कर सकता है. सरकार की आलोचना करने पर कोई जेल नहीं जाएगा. लेकिन कोई भी देश के ख़िलाफ़ नहीं बोल सकता.

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