रांची : केंद्रीय जांच एजेंसियों और सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चल रहे रार तकरार के बीच झारखंड कैडर की आइएएस लॉबी काफी दिलचस्प नजर आ रही है. इसमें एक्शन, रिएक्शन और इमोशन भी है. ब्यूरोक्रेसी में गौर से देखने पर पता चलता है कि इसमें चार लॉबी है.
पावरफुल है पहली लॉबी
झारखंड कैडर के ब्यूरोक्रेसी की पहली लॉबी काफी पावरफुल है. यह लॉबी सरकार के साथ कदमताल करते हुए नजर आती है. इस लॉबी में , अपर मुख्य सचिव ,प्रधान सचिव और सचिव रैंक के अफसर पर ही चलती है. किसे-कहां जगह देनी और किसे सत्ता के गलियारे से दूर रखना है, यह लॉबी इस काम में माहिर है. इस लॉबी में शामिल अफसरों की ही बात सरकार में सुनी जाती है
दूसरी लॉबी वक्त के साथ करती है चोट
दूसरी लॉबी सक्रिय तो है लेकिन वक्त के साथ चोट करती है. इस लॉबी में ज्यादातर वैसे अफसर हैं, जिनकी छवि ईमानदार मानी जाती है. इस लॉबी में शामिल अफसरों के पास महत्वपूर्ण विभाग हैं. योजनाओं और राशि के लेने-देन का खाका यहीं पर खींचा जाता है. इस लॉबी में शामिल अफसर एक्शन लेने के साथ रिएक्शन भी बेहतर तरीके से करते हैं. अगर फाइल नहीं निपटानी हो तो इसमें सिर्फ लिखा जाता है प्लीज डिसकस…. बस फाइल डंप. इस लॉबी में शामिल एक अफसर को महत्वपूर्ण विभाग से हटा देने के बाद वे सरकार से काफी नराज भी चल रहे हैं. वैसे इस लॉबी में शामिल अधिकांश अफसर सरकार के भ्रष्ट अफसरों की आंखों में किरकरी बने रहते हैं. क्योंकि उनके भ्रष्ट क्रियाकालापों पर कलम चला देते हैं. इस कारण सत्ता भी इनसे थोड़ी डरी-डरी ही रहती है.
तीसरी लॉबी मानी जाती है न्यूट्रल
इस लॉबी में सचिव रैंक के अफसर हैं. इसमें एक अफसर लोगों को काफी मोटिवेट भी करते हैं. यह अलग बात है कि वह कई बार सोशल साइट्स पर सक्रिय रहते हैं. प्रचार पाने के लिए कुछ भी कर देते हैं. साथ ही नये बैच के अफसरों को साथ लेकर चलने में भी माहिर हैं. काम का पूरा ट्रिक भी बताते हैं. लेकिन ईमानदार छवि नहीं होने के कारण कम अफसर ही उनकी इज्जत करते हैं. यह लॉबी न्यूट्रल मानी जाती है. पोस्टिंग के लिए अपना पाला बदलते रहती है. समय के साथ बदलने में यह लॉबी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ती.
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है चौथी लॉबी
इस लॉबी के अधिकांश अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर है. ये वेट एंड वॉच की पॉलिसी पर काम करते हैं. इन्हें बस सरकार बदलने का इंतजार है. इन लॉबी में शामिल अफसर हर दिन सरकार की गतिविधियों की टोह भी लेते रहते हैं. पूछने पर कहते भी हैं समय का इंतजार कीजिये, समय आयेगा तो जरूर आ जाऊंगा.