Joharlive Desk
पटना। बिहार इन दिनों बाढ़ से जूझ रहा है। यहां हुई भारी बारिश के चलते मोतिहारी में तिलावे नदी का तटबंध टूट गया, जिससे पूरे इलाके में जलभराव हो गया। कई गांव डूबे हुए हैं। लोगों को न खाना-पानी मिल रहा, न ही कहीं बच निकलने के साधन मिल रहे हैं। स्थानीय प्रशासन की ओर से अभी बचाव कार्य भी नहीं शुरू किया गया है। ऐसे में लोग घोंघा खाकर पेट भर रहे हैं।
संवाददाता ने बताया कि, पूर्वी चंपारण में नदियों का तांडव ज्यादा देखने को मिला है। यहां बाढ़ से सैकड़ों गांव तबाह हो गए हैं। तिलावे नदी का तटबंध टूटने से बाढ़ आई हुई है। पहले से डुबी सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल के उूपर और पानी भर गया है। क्षेत्र के विभिन्न गांवों में पानी भर गया है। सड़क सम्पर्क टूट गया है और कई घरों में पानी घुसा हुआ है।
बूढ़ी गण्डक नदी जिसे कहते हैं, उससे पूर्वी चंपारण के सुगौली में बाढ़ आई हुई है। गांव में पानी घुसने के चलते लोगों ने नेशनल हाईवे-28 को अपना घर बना लिया है। बहुत सारे लोग यहीं पर शरण लिए हुए हैं। बताया जा रहा है कि, 100 परिवार रोड पर आशियाना बना चुके हैं। प्रशासन की ओर से इन्हें अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। स्थानीय नेता भी इनसे मिलने नहीं पहुंच रहे।
वहीं, बारिश और बाढ़ के अलावा कई इलाकों में फिर बिजली गिरी। जिसके चलते 10 लोगों की मौत हो गयी। अधिकारियों ने बताया कि बिजली गिरने से बांका जिले में चार, नालंदा में तीन, जमुई में दो और नवादा में एक व्यक्ति की मौत हो गयी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताते हुए कहा कि आपदा की इस घड़ी में वह प्रभावित परिवारों के साथ हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख की मदद की घोषणा की है। रविवार को बिजली गिरने से राज्य में 16 लोगों की मौत हो गयी थी।