रांची : सरप्लस शिक्षकों की सूची में काफी त्रुटियां हैं. यह काम एक वर्ष से चल रहा है. तीन-चार बार सूची जारी की गई. लेकिन प्रत्येक सूची में अलग-अलग शिक्षकों का नाम था. सरप्लस की गणना जिला पीटीआर द्वारा किया गया है, जबकि इसे विद्यालयवार आरटीई मानक के अनुसार किया जाना चाहिए. उक्त बातें अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के नेताओं ने कहीं.
संघ के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि आरटीई के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों कक्षा 1 से 5 में कम से कम 2 शिक्षक होने चाहिए. मध्य विद्यालयों में कम से 3 शिक्षक रहने हैं. इसमें 1 विज्ञान, 1 सामाजिक विज्ञान और भाषा में 1 शिक्षक को रखा जाना है. मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि विद्यालय में शिक्षकों की संख्या के रूप में सहायक अध्यापक (पारा शिक्षकों) की गणना की गई है. हालांकि सरप्लस शिक्षकों में उनका नाम नहीं जोड़ा जा रहा है. झारखंड सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली-2021 के अनुसार इनका भी स्थानांतरण और समायोजन पंचायत व प्रखंड स्तर तक किया जाना है.
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संघ ने कहा कि इसके कारण कई प्रारंभिक एवं मध्य विद्यालय सरकारी शिक्षक विहीन हो जा रहे हैं मध्य विद्यालय में कक्षा 1 से 8 में भी केवल पारा शिक्षक ही बच रहे हैं. सरप्लस शिक्षकों की गणना के लिए शिक्षक द्वारा फरवरी-2022 और छात्र संख्या डाटा दिसंबर-2022 का लिया गया है. अभी वर्ष 2023-24 चल रहा है. स्थानांतरण कार्य नवंबर व दिसंबर, 2023 में होना है. इससे अधिकांश स्कूलों में छात्र एवं शिक्षकों की संख्या भी बदल गई है. स्थिति के मद्देनजर डाटा वर्ष 2023- 24 का लिया जाना चाहिए.
जिले द्वारा जो सरप्लस सूची जारी की गई है, उसमें कई विद्यालय से कम शिक्षकों को सरप्लस बनाता गया है. कुछ शिक्षक को सूची में सरप्लस दिखाया गया है, परंतु ऑनलाइन खोलने पर यू आर नॉट ए सरप्लस टीचर लिखा दिख रहा है. डीएसई द्वारा जारी की गई सूची में जिस विद्यालय में वैकेंसी दिख रही है, ऑनलाइन में उसका नाम नहीं है. इससे शिक्षक चाहकर भी उन विद्यालयों का ऑनलाइन ऑप्शन नहीं चुन पा रहे हैं.
कक्षा 6 से 8 के शिक्षकों की सरप्लस सूची कैटेगरीवाइज जारी की गई है. जैसे 6 से 8 विज्ञान, 6 से 8 सामाजिक विज्ञान, 6 से 8 भाषा आदि. हालांकि वैकेंसी लिस्ट ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों में केवल संख्या दर्शाई गई है, कैटेगरी नहीं. इससे ऑनलाइन आवेदन करने में गलत हो जा रहा है. विद्यालय में 6 से 8 वर्ग के लिए कैटेगरीवार खाली पद का पता नहीं चल पा रहा है. वैकेंसी में भी विद्यालयवार और कैटेगरीवाइज पद दर्शाया जाना चाहिए. शिक्षकों द्वारा किए गए कार्यकाल के लिए केवल वर्तमान पदस्थापित विद्यालय अवधि की गणना की गई है जबकि पूरे सेवाकाल में जिन-जिन विद्यालयों में कार्यरत रहे है, उनकी गणना करनी चाहिए. सेवाकाल अवधि गणना वाले प्वाइंट के लिए जोनवाइज अधिकतम अंक निर्धारित कर देने से वरीय शिक्षकों का भी अंक कनीय शिक्षकों के बराबर हो जरा रहा है. इसमें सुधार की जरूरत है. शिक्षक संघ ने कहा कि सरप्लस शिक्षकों की सूची और मेघांक दोनों में सुधार करते हुए नए सिरे से आवेदन करने का निर्देश दिया जाना चाहिए. शिक्षकों ने कहा है कि सूची में सुधार नहीं हुआ तो न्यायालय की शरण में जायेंगे.
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