रांची : झारखंड में तंत्र कैसे चलेगा, इसकी चर्चा राज्य की ब्यूरोक्रेसी में तेज हो गई है. इसकी वजह यह है कि झारखंड से टॉप लेवल के आइएएस अफसरों का राज्य से मोह भंग हो रहा है. खास बात यह है कि झारखंड में प्रधान सचिव रैंक के सिर्फ चार अफसर ही कार्यरत हैं. इसमें राजीव अरूण एक्का, अजय कुमार सिंह, डॉ नितिन मदन कुलकर्णी और वंदना दादेल का नाम शामिल हैं. इसमें से अजय कुमार सिंह ने भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में जाने का आवेदन राज्य सरकार को दे रखा है. वहीं, प्रधान सचिव रैंक के सात अफसरों ने दिल्ली का रूख कर लिया. इसमें सत्येंद्र सिंह, मस्तराम मीणा, सुनील वर्णवाल, राहुल शर्मा, केके सोन, हिमानी पांडेय और अराधना पटनायक का नाम शामिल है.
सीएस रैंक के सिर्फ पांच अफसर, आठ केंद्र में
वहीं, झारखंड में मुख्य सचिव रैंक के पांच अफसर ही कार्यरत हैं. इसमें सुखदेव सिंह, अरूण कुमार सिंह, एल खियांग्यते, एपी सिंह और अविनाश कुमार के नाम शामिल हैं. वहीं इस रैंक के आठ अफसर केंद्र में तैनात हैं, जिसमें राजीब गौबा, एनएन सिन्हा, अलका तिवारी, एमएस भाटिया, एसकेजी रहाटे, निधि खरे, शैलेश सिंह और सुरेंद्र सिंह शामिल हैं.
224 पदों के विरुद्ध 142 ही कार्यरत
झारखंड में आइएएस कैडर के 224 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 142 अफसर ही कार्यरत हैं. कुल पदों में से 122 पद वरीय आइएएस अधिकारियों के लिए चिह्नित हैं. स्वीकृत बल के अनुरूप अफसर होने पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले आइएएस की अधिकतम संख्या 48 निर्धारित की गयी है. वहीं, राज्य में तय कोटे से 31 प्रतिशत आइएएस अफसर कम हैं. बावजूद इसके इतनी बड़ी संख्या में वरीय अधिकारियों को भारत सरकार में पदस्थापित किया गया है.
ये अफसर हैं केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर
झारखंड कैडर के आइएएस अफसरों में एनएन सिन्हा, आइएस चतुर्वेदी, अलका तिवारी, एमएस भाटिया, एसकेजी रहाटे, शैलेश कुमार सिंह, निधि खरे, सुरेंद्र सिंह मीणा, सत्येंद्र सिंह, सुनील वर्णवाल, हर्ष मंगला, राय महिमापत रे, शांतनु अग्रहरि, राहुल शर्मा, ए मुत्थुकुमार, केके सोन, आराधना पटनायक व हिमानी पांडेय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं.