रांचीः झारखंड का वन विभाग अतिक्रमित होता जा रहा है. वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 50 हजार हेक्टेयर वन भूमि अतिक्रमण की जद में है. हाल ही में बोकारो में 70 एकड़ वन भूमि की हेराफेरी का मामला सामने आया है, जिसमें पूर्व पीसीसीएफ एके रस्तोगी जांच के दायरे में आ गए हैं. वहीं, वन भूमि में अतिक्रमण के मामले में कई वरीय आइएफएस अधिकारियों पर गाज भी गिर सकती है.
13 अरब की भूमि विभिन्न प्रोजेक्ट को
झारखंड में जंगल के घनत्व में तो वृद्धि तो नहीं हो पायी. घना जंगल का घनत्व घटता ही जा रहा है. लेकिन विभिन्न प्रोजेक्टों में लगभग 13 अरब की वन भूमि परियोजनाओं के नाम पर आबंटित कर दी गई. सबसे अधिक सात हजार हेक्टेयर वन भूमि खनन परियोजनाओं के लिए दी गई हैं. वहीं, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को 14 हजार हेक्टेयर वन भूमि दी गई. इन सभी की कीमत लगभग 13 अरब रुपए आंकी गई है.
किस वन प्रमंडल में कितनी वन भूमि है अतिक्रमित
प्रमंडल/जिला अतिक्रमित वन भूमि
रांची- पूर्वी प्रमंडल- 2135.014 हेक्टेयर
रांची- वन्य प्राणी प्रमंडल- 56.007 हेक्टेयर
खूंटी- वन प्रमंडल- 4596.044 हेक्टेयर
गुमला- वन प्रमंडल- 30.018 हेक्टेयर
सिमडेगा- वन प्रमंडल- 46.079 हेक्टेयर
रामगढ़- वन प्रमंडल- 193.853 हेक्टेयर
बोकारो- वन प्रमंडल- 285.0 हेक्टेयर
धनबाद- वन प्रमंडल- 893.084 हेक्टेयर
लातेहार- वन प्रमंडल- 334.399 हेक्टेयर
चतरा- उत्तरी वन प्रमंडल- 549.553 हेक्टेयर
चतरा- दक्षिणी वन प्रमंडल- 1207.007 हेक्टेयर
हजारीबाग, वन्य प्राणी- 5.007 हेक्टेयर
सारंडा- वन प्रमंडल- 5827.00 हेक्टेयर
लोहरदगा- 137.068 हेक्टेयर
दुमका- 76.070 हेक्टेयर
जामताड़ा- 76.00 हेक्टेयर
पोड़ैयाहाट- 25206.004 हेक्टेयर
चाईबासा- दक्षिणी वन प्रमंडल- 588.042 हेक्टेयर
धालधूम वन प्रमंडल- 75.559 हेक्टेयर
हजारीबाग- पूर्वी वन प्रमंडल- 90.231 हेक्टेयर
हजारीबाग- पश्चिमी वन प्रमंडल- 450.90 हेक्टेयर
कोडरमा- 1356.25 हेक्टेयर
गढ़वा- उत्तरी 85.033 हेक्टेयर
गढ़वा- दक्षिणी 126.088 हेक्टेयर
व्याघ्र परियोजना- बफर क्षेत्र- 0.693 हेक्टेयर
व्याघ्र परियोजना- कोर क्षेत्र- 1.006 हेक्टेयर
गोड्डा- 8.177 हेक्टेयर