रिपोर्ट : प्रमोद कुमार
गुमला : नशापान को समाज से समूल नष्ट करने के लिए सरकार लगातार जागरुकता कार्यक्रम चला रही है. इसके तहत जगह-जगह नशा मुक्ति केन्द्र भी खोले गए हैं. लेकिन आवंटन की आस में नशा मुक्ति केन्द्र बंदी के कगार पर है. ऐसे में सरकार के इस अभियान पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है.
गौरतलब है कि पिछले पांच माह पूर्व जिले में नशा मुक्ति केन्द्र की शुरूआत बड़े जोशोखरोस के साथ की गई थी. लेकिन इसके लिए कोई आवंटन नहीं दिए जाने से इसकी हालत दिनों दिन दयनीय हो चली है.
सदर प्रखंड कार्यालय के पुराने भवन में शुरू किए गए इस केंद्र में एक चिकित्सक और एक कर्मचारी हैं. केन्द्र में नियुक्त कर्मचारी अरविंद कुमार ने बताया कि प्रारंभ से अब तक कोई आवंटन नहीं मिलने से काम काज सही तरीके से नहीं चल पा रहा है. उन्होंने बताया कि चिकित्सक रांची से आते हैं. सप्ताह, 15 दिन में एक बार आते हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 39 लोगों ने अपना पंजीयन कराया है.
इस केन्द्र का संचालन प्रज्वलित विहार के द्वारा किया जाता है. महिला बाल विकास एवम सामाजिक सुरक्षा विभाग झारखंड के सहयोग से चलने वाले इस केंद्र में 24 घंटे डॉक्टर परामर्श, मनोवैज्ञानिक परामर्श, निः शुल्क उपचार और दवाएं, शिक्षा सत्र, पारिवारिक शिक्षा, जैसी कई सेवाएं देने का उल्लेख भी केन्द्र में लिखे बोर्ड में किया गया है. बहरहाल समाज को नशे से मुक्ति दिलानी है तो सबसे पहले सरकार को इसकी व्यवस्था दुरुस्त करने की जरूरत है. तभी इस अभियान में सफलता मिल सकती है.
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