आर.के दूबे
रांची: झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तबाड़तोड़ कार्यक्रम सभी राजनीतिक दलों द्वारा किये जा रहे है. पांच वर्षों के लिए सरकार को चुनने के लिए एक बार पुन: जनता के पास मौका आ गया है. पक्ष हो या विपक्ष कोई भी इस मौके को हांथ से गवाना नहीं चाहते है. राज्य के प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने चुनावी अभियान में पांच-पांच पूर्व मुख्यमंत्री सहित कई बड़े नेताओं को लगाया है. भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने चुनाव की कमान मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सह केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनाव प्रभारी एवंम असम के वर्तमान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा को सह प्रभारी बनाया है. इन दोनों नेताओं की रायशुमारी बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक चल रही है. शिवराज सिंह चौहान काफी सहज एवंम कुशल नेतृत्व के धनी माने जाते है. वहीं, हिमंत बिस्व शर्मा की कार्यशैली पर केंद्रीय नेतृत्व का पूरा भरोसा है कि झारखंड में भाजपा का कमल एक बार पुन: खिलेगा. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वर्तमान सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन एवंम उनकी धर्मपत्नी सह गांडेय विधायक कल्पना सोरेन के द्वारा बुने हुए राजनीतिक जाल को काटने में भाजपा कितनी कामयाब होती है. एक ओर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का सभी प्रमंड़लों में कार्यक्रम के माध्यम से धुआंधार दौरा और आपार जनता की भीड़ से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनावी गेम को जितना कितना कठिन होगा.

मुख्यमंत्री एवंम पूर्व मुख्यमंत्री चुनावी अभियान में शामिल

भाजपा ने प्रदेश के पांच दिग्गज नेता सह पूर्व मुख्यमंत्रियों को चुनावी अभियान में लगाया है. वोटिंग प्रतिशत को देखते हुए भाजपा नेताओं के माध्यम से अपना समीकरण लगा रही है. प्रमंडलीय आधार पर कोल्हान हो या संथाल, पलामू प्रमंडल हो या दक्षिणी तथा उत्तरी छोटानागपुर नेताओं के माध्यम से वोटिंग प्रतिशत साधने की कोशिश की है. पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों में बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, मधु कोडा, शिवराज सिंह चौहान, चम्पाई सोरेन तथा मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा का नाम शामिल है.

परिवर्तन रैली के माध्यम से जनता तक पहुंचने की बेहतर कोशिश

विधानसभा आगामी चुनाव को देखते हुए भाजपा द्वारा परिवर्तन रैली के माध्यम से आम जनता तक पहुंचने की बेहतर कोशिश जारी है. राजनीतिक पंडितों की माने तो भाजपा वर्तमान सरकार द्वारा जनता के बीच किए गए चुनावी वादे को न पूरा करने का आरोप लगा रही है. जनता के बीच बता रही है कि यह सरकार घोषणाओं की सरकार है. इस सरकार से जनता का कोई भला होने वाला नहीं है. भाजपा सभाओं और रैलियों के माध्यम से जनता को आस्वस्त करना चाहती है कि इस राज्य की स्थापना भाजपा ने की और विकास भी भाजपा ही करेगी.

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