रिपोर्ट: दीनानाथ पांडेय
धनबाद: हमारे देश में दहेज प्रथा एक ऐसा सामाजिक अभिशाप है जो महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों चाहे मानसिक हो या शारीरिक को बढावा देता है. दहेज के कारण न जाने कितनी बहन-बेटियों को ससुराल में मार दिया जाता है, गर्भ में मार दिया जाता है. यह एक समाजिक कुरीति है जो दिन-प्रतिदिन अपने पैर पसार रही है. एक बेटी जब घर में पैदा होती है माता-पिता उसी दिन से उसके विवाह दहेज आदि को लेकर चिंतित हो जाते हैं. दहेज के लिए कर्जा लेकर सारी जिंदगी उसे ढ़ोने को मजबूर हो जाते है. दहेज ऐसा नासूर है जो बेटी के माता-पिता व बेटी को ताउम्र चैन से नहीं जीने देता है.
एक ऐसा ही मामला विगत अप्रैल माह में धनबाद थाना अंतर्गत जेसी मलिक रोड निवासी शिल्पी साहू नामक युवती की हत्या उसके ससुराल में कर दी गई थी. हत्या इस कदर क्रूरता से की गई की शिल्पी तीन महीने के गर्भ से थी. घटना के बाद शिल्पी के परिवार वालों ने न्याय के लिए धनबाद थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई. इसके बाद धनबाद पुलिस ने पति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
लेकिन आज शिल्पी के परिवार वालों ने धनबाद के गांधी सेवा सदन में प्रेस वार्ता कर मीडिया को बताया कि शिल्पी के पति की गिरफ्तारी तो हुई थी पर स्थानीय पुलिस हत्या के सभी धाराओं को हटाकर इन दोनों केस को हल्का करने का काम कर रही है. शिल्पी के अपराधी पति ने बेल पिटीशन दायर भी किया है जो कि गलत है.
वहीं लड़की के परिवार के सदस्यों ने धनबाद थाना के एसआई सह केस आईओ सोनू पाठक पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. लड़की के परिवार के सदस्यों का कहना है कि स्थानीय पुलिस पैसे खाकर केस को हल्का कर रही है और उल्टा पीड़ित जो अब इस दुनिया में नहीं रही उनके परिवार के ऊपर दबाव बना रही है. अब परिवार के सदस्य न्याय की मांग को लेकर जिला प्रशासन के निचले स्तर के प्रशासनिक पदाधिकारी के शरण में पहुंचे हैं.
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