JoharLive Desk
सर्दी के दिनों में गर्म चाय की चुस्कियां किसे अच्छी नहीं लगती भला। वैसे भारत में एक कप चाय को कई समस्याओं का समाधान माना जाता है। जैसे- थकान मिटानी हो, नींद भगाना हो, खाना पचाना हो, ठंड भगाना हो, सर्दी जुकाम से छुटकारा पाना हो। कई परिवारों में आज भी सिर दर्द होता है तो दवा बाद में लेते हैं, चाय पहले पी जाती है। चाय में तुलसी उबालकर जो काढ़ा बनाया जाता है, उसे रामबाण इलाज माना जाता है। डॉक्टरों के अनुसार, चाय में एंटी-ऑक्सिडेंट पॉलीफेनोल होता है जो एक इनफ्लेमेशन फाइटर का काम करता है।
जानिए सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है चाय
चाय में मौजूद पॉलीफेनोल्स कैलोरी खर्च बढ़ाने के साथ ही शरीर में वसा कम करने का काम करता है। यह भी कम दिलचस्प नहीं है कि चाय वास्तव में एक प्रकार की वसा को बढ़ावा देती है। यह है ब्राउन फैट। इसमें व्हाइट फैट की तुलना में माइटोकॉन्ड्रिया अधिक होते हैं, यानी ब्राउन फैट वास्तव में कैलोरी बर्न कर सकती है और पचान क्रिया में सुधार कर सकती है। विभिन्न प्रकार के 15 अध्ययनों में पाया गया कि जो लोग 12 सप्ताह से अधिक समय तक दिन में दो से छह कप ग्रीन टी पीते हैं, उनके शरीर का वजन बाकी लोगों से कम होता है।
40,000 से अधिक वयस्कों पर हुए एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि नियमित रूप से चाय का सेवन हृदय रोग, स्ट्रोक और कुछ प्रकार के कैंसर से दूर रखता है। जिन प्रतिभागियों ने प्रतिदिन पांच या अधिक कप ग्रीन टी पी थी, उनमें हार्ट अटैक का जोखिम 16% कम पाया गया।
ग्रीन टी से डायबिटीज की जटिलताओं को कम करने में मदद मिलती है। चाय इन्सुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकती है, अग्नाशय की कोशिकाओं को क्षति से बचा सकती है, और सूजन को कम कर सकती है। इसका फायदा डायबिटीज में मिलता है।
नियमित चाय के सेवन से अल्जाइमर और अन्य न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों के होने का खतरा कम हो सकता है। हालांकि अल्जाइमर के सटीक कारण अभी भी स्पष्ट नहीं हैं और कोई इलाज भी नहीं है, लेकिन रिसर्च में साबित हुआ है कि ग्रीन और ब्लैक टी पीने से अल्जाइमर में सुधार होता है। चाय पीने से याददाश्त तेज होती है। इसमें कैफीन और एल-थीनिन होते हैं, जो मिलकर स्मृति और एकाग्रता में मदद करते हैं।
ग्रीन टी में कैटेचिन ईजीसीजी होता है जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है। इसमें कैंसर से लड़ने की क्षमता होती है। ईजीसीजी मेटास्टेसिस को कम कर सकता है और स्तन, फेफड़ों, त्वचा और अन्य अंगों को कैंसर से बचा सकता है। जापान में हुए एक अध्ययन के अनुसार, जो महिलाएं एक दिन में 10 या अधिक कप ग्रीन टी पीती हैं, उनमें कैंसर की शुरुआत सात साल देरी से होती है।
सभी ड्रिंक्स मुंह के लिए अच्छे नहीं होते, लेकिन चाय ओरल हेल्थ में सुधार कर सकती है। चाय में फ्लोराइड होता है और यह मुंह में बैक्टीरिया खत्म करती है। यह पीरियडोंटल बीमारी, कैविटीज और ओरल कैंसर के खतरे को कम करता है।
2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंसान में प्रजनन ऊतकों में ऑक्सीडेटिव का स्तर तय करता है कि वे माता या पिता बनेंगे या नहीं। चाय में मौजूद पॉलीफेनोल्स में शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है। इसलिए कहा गया है कि चाय पुरुषों और महिलाओं, दोनों में प्रजनन क्षमता में सुधार कर सकती है। हालांकि अभी इस दिशा में और शोध की आवश्यकता है।