रांची: राजधानी के बरियातू इलाके में पल्स हॉस्पिटल चल रहा है. इस हॉस्पिटल के निर्माण में करोड़ों रुपए फूंके गए. हॉस्पिटल में तामझाम के साथ सारी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है. वहीं कारों के लिए हॉस्पिटल की बाउंड्री के अंदर ही पार्किंग के इंतजाम किए गए है. लेकिन बाइक की पार्किंग के लिए जगह नहीं बनाई गई. हालात ये है कि रोड किनारे बाइक की पार्किंग कराई जा रही है. वह भी सिक्योरिटी गार्ड की निगरानी में. जिससे कि आए दिन जाम की समस्या से लोग जूझते है. इतना ही नहीं आफिस के टाइम पर गाड़ियों की लंबी कतार लग जा रही है. जिसका खामियाजा लोग भुगत रहे है. वहीं स्कूली बच्चे भी इस जाम की वजह से परेशान हो रहे है.

इंफोर्समेंट टीम नहीं करती कार्रवाई

शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने को लेकर रांची नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम कार्रवाई करती है. रोड किनारे जाम लगाने वालों का चालान भी काटा जाता है. लेकिन इस हॉस्पिटल पर आजतक कार्रवाई नहीं की गई. जबकि रोड किनारे ही हॉस्पिटल प्रबंधन टू व्हीलर की पार्किंग करा रहा है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि इस हॉस्पिटल पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है.

विवादों से है पुराना नाता

रांची नगर निगम ने दिसंबर 2017 में आलोक कुमार सरावगी नामक व्यक्ति को आवासीय भवन के निर्माण का आदेश जारी किया था. 2019 में, आलोक कुमार सरावगी को एक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया था. आदेश आलोक सरावगी के नाम पर जारी किया गया था क्योंकि वह जमीन के टुकड़े के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी धारक थे. हालांकि, ज़मीन एक रियल एस्टेट कंपनी के निदेशक रवि सरावगी की थी. आरएमसी द्वारा एनओसी के बाद जमीन बेच दी गई थी. रवि सरावगी ने 2 अप्रैल, 2018 को जमीन अभिषेक झा को बेची थी. साथ ही बताया गया कि आवासीय भवन के लिए पहले मालिक के नाम पर अनुमति जारी होने के बाद जमीन पर अस्पताल का निर्माण नहीं कराया जा सकता है. इसके लिए नए मालिक को दोबारा से अनुमति लेनी होती है. इस बीच वहां पर ऊंची इमारत खड़ी हो गई. जिसमें आज हॉस्पिटल चल रहा है.

इस मामले में रांची नगर निगम के अधिकारी ने बताया कि फिलहाल हॉस्पिटल का संचालन ईडी की निगरानी में है. लेकिन रोड पर जाम और अतिक्रमण को लेकर हमलोग अभियान चलाएंगे. नियम सबके लिए समान है.

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