रांची। 2010 के राज्यसभा चुनाव में हार्सट्रेडिंग मामले में कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला, पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक राजेश रंजन की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को इन तीनों के द्वारा दायर डिस्चार्ज पीटीशन को खारिज कर दिया है।
सीबीआई की विशेष अदालत पीके शर्मा की अदालत ने पीटिशन खारिज करते हुए 22 जुलाई को आरोप गठन के बिंदू पर सुनवाई करने का आदेश दिया है। वोट के बदले नोट की मांग करने का आरोप तीनों पर है। झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने वर्ष 2013 में राज्यसभा चुनाव को लेकर जांच के क्रम में चार्जशीट दाखिल किया था।
अब तक इस प्रकरण में दो विधायकों का निधन भी हो चुका है. इससे पूर्व अदालत में हुई सुनवाई के दौरान उमाशंकर अकेला और पूर्व विधायक राजेश रंजन तथा पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की ओर से कहा गया था कि सीबीआई ने मामले में कोई दस्तावेज नहीं दाखिल किया है, इसलिए आरोप गठन की तिथि बढ़ायी जाये। इसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए सीबीआई को दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा था।