रांची: साउथ अफ्रीका के माली में फंसे झारखंड के मजदूरों की घर वापसी की जा रही है. दूसरी खेप में और 7 मजदूर रांची लौटे हैं. रांची एयरपोर्ट पर अफ्रीका के माली प्रांत में फंसे मजदूर रांची एयरपोर्ट पहुंचे. श्रम विभाग के प्रयास से अब तक कुल 14 मजदूरों की घर वापसी हुई है. अभी भी 19 मजदूर साउथ अफ्रीका के माली में फंसे हुए हैं. उनकी भी घर वापसी जल्द कराई जाएगी.रांची पहुंचे मजदूरों ने कहा कि वह पिछले एक वर्ष से साउथ अफ्रीका के माली में काम कर रहे थे.
लेकिन पिछले कुछ महीनों से जिस कंपनी में वह काम कर रहे थे उस कंपनी के अधिकारियों के द्वारा उनका वेतन देने में आनाकानी की जाने लगी. जब मजदूरों ने वेतन के लिए अपना विरोध दर्ज कराया तो उन्हें एक महीने का वेतन देकर काम पर लगा दिया जाता था. इसके अलावा मजदूरों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि समय पर वेतन तो नहीं ही दिया जाता था साथ ही साथ खाने-पीने और रहने में भी दिक्कत होने लगी.अपनी परेशानी को देखते हुए सभी मजदूरों ने मजदूरों के हित के लिए काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली को अपनी पीड़ा बताई. जिसके बाद सिकंदर अली के प्रयास से राज्य सरकार ने पहल करते हुए सभी मजदूरों को वापस लाने की पहल शुरू की. मजदूर नंदलाल महतो और होरल महतो ने बताया कि झारखंड के गरीब मजदूर विदेश इसलिए जाते हैं ताकि वह कुछ पैसे कमा सकते हैं. लेकिन वहां पर जाकर निजी कंपनियों और ठेकेदारों के द्वारा उनका शोषण किया जाता है, जिस वजह से उन्हें वापस लौटना पड़ता है.
मजदूरों ने कहा कि अगर राज्य सरकार हम लोगों को यहीं पर रोजगार मुहैया करा दे तो हम लोग अपने परिवार के साथ रहकर काम कर सकेंगे. क्योंकि विदेश में मजदूरों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. सभी मजदूरों ने अपने बाकी साथियों को भी वापस लाने की मांग श्रम विभाग के अधिकारियों से की है मजदूरों को एयरपोर्ट पर रिसीव करने आए श्रम अधीक्षक अविनाश कुमार ने बताया कि सरकार का प्रयास रहता है कि जो भी मजदूर विदेश काम करने जाएं वह अपना रजिस्ट्रेशन अवश्य करवाएं ताकि अगर किसी भी तरह की समस्या हो तो राज्य सरकार अपनी पहल पर मजदूरों को सुरक्षित वापस ला सके. श्रम विभाग की पदाधिकारी शिखा कुमारी बताती हैं कि बाहर रह रहे मजदूरों को सुरक्षित वतन वापस लाना हमारी जिम्मेदारी है. इसी को लेकर विभाग के प्रयास से साउथ अफ्रीका के माली प्रांत में फंसे 33 मजदूरों में से 14 मजदूरों को वापस लाया गया है और जल्द ही बाकी मजदूरों को वापस लाया जाएगा.