नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) से जुड़े कुछ नियमों में संशोधन किया है जिससे अब भारतीयों को अधिकारियों को सूचित किए बिना विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों से एक वर्ष में 10 लाख रुपये तक प्राप्त करने की अनुमति मिलती है। पहले यह सीमा एक लाख रुपये तक थी।
एक अधिसूचना में गृहमंत्रालय ने यह भी कहा कि यदि राशि इससे अधिक है तो व्यक्तियों के पास अब तीस दिन पहले के बजाय सरकार को सूचित करने के लिए 90 दिन होंगे।
नए नियम गृह मंत्रालय द्वारा शुक्रवार रात एक गजट अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित किए गए। अधिसूचना में कहा गया है, “विदेशी अंशदान (विनियमन) नियम, 2011 के नियम 6 में एक लाख रुपए के स्थान पर दस लाख रुपए और तीस दिन के स्थान पर तीन माह शब्द रखे जाएंगे।”
नियम 6 रिश्तेदारों से विदेशी धन प्राप्त करने की सूचना से संबंधित है। इसमें पहले कहा गया था कि किसी भी व्यक्ति को अपने किसी रिश्तेदार से एक वित्तीय वर्ष में 1 लाख रुपये या उसके बराबर का विदेशी योगदान प्राप्त करने के लिए इस तरह के योगदान की प्राप्ति से 30 दिनों के भीतर केंद्र सरकार (धन का विवरण) को सूचित करना होगा।
इसी तरह नियम 9 में बदलाव किया गया है। इसके तहत अब व्यक्तियों या संगठनों या गैर सरकारी संगठनों को बैंक खाते के बारे में गृहमंत्रालय को सूचित करने का समय 45 दिन कर दिया गया है। इससे पहले यह समय सीमा 30 दिनों की थी। नियम 9 धन प्राप्त करने के लिए एफसीआरए के तहत ‘पंजीकरण’ या ‘पूर्व अनुमति’ प्राप्त करने के आवेदन से संबंधित है।
केंद्र सरकार ने नियम 13 में प्रावधान ‘बी’ को भी ‘छोड़ दिया’ है, जो अपनी वेबसाइट पर हर तिमाही में दाताओं के विवरण, प्राप्त राशि और प्राप्ति की तारीख आदि सहित विदेशी धन की घोषणा करता है।
अब, एफसीआरए के तहत विदेशी धन प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए आय और व्यय विवरण, प्राप्ति और भुगतान खाते और बैलेंस शीट सहित विदेशी योगदान की प्राप्तियों और उपयोग पर खातों के लेखा परीक्षित विवरण रखने के मौजूदा प्रावधान का पालन करना होगा।
गृह मंत्रालय ने नवंबर 2020 में एफसीआरए नियमों को सख्त बना दिया था, जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि गैर सरकारी संगठन जो सीधे तौर पर किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं, लेकिन बंद, हड़ताल या सड़क जाम जैसी सक्रिय राजनीति या दलगत राजनीतिक कार्रवाई में शामिल हैं, उन्हें राजनीतिक प्रकृति का माना जाएगा यदि वे इसमें भाग लेते हैं।