नई दिल्ली। नक्सल समस्या पर मंथन करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ आज कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक चल रही है। इस बैठक में नक्सल प्रभावित इलाकों में हालात की समीक्षा की जा रही है। वहीं इन सब के बीच बड़ी खबर आ रही है कि नक्सल प्रभावित राज्यों में से एक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस बैठक में शामिल होने के लिए नहीं पहुंचे हैं।
वहीं इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्री शाह इस बैठक में नक्सलवाद की समस्या से प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ उनके राज्यों में सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही वह वर्तमान में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की समीक्षा भी करेंगे।
साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि शाह नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क, पुल, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण जैसे विकास कार्यों की समीक्षा भी करेंगे। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में माओवादी हिंसा कम हुई है और अब यह खतरा केवल 45 जिलों में है।
फिर भी, देश में कुल 90 जिले ऐसे हैं जिन्हें नक्सलवाद से प्रभावित माना जाता है। ये जिले केंद्रीय गृह मंत्रालय की सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के अंतर्गत आते हैं। आंकड़ों के अनुसार 2019 में 61 जिलों में नक्सली हिंसा दर्ज की गई थी तो साल 2020 में यह संख्या 45 रह गई थी।
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, साल 2015 से साल 2020 तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हुई हिंसा की विभिन्न घटनाओं में लगभग 380 सुरक्षाकर्मी, 1000 नागरिक और 900 नक्सली मारे गए। इसके साथ ही इसी अवधि में कुल 4200 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया।
इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को शामिल होने को कहा गया
जानकारी के अनुसार इस बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केरल के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को शामिल होने के लिए कहा गया था।