Joharlive Desk

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निजी सुरक्षा एजेंसियों की लाइसेंसिंग के लिए यहां एक पोर्टल की शुरुआत करते हुए कहा कि 90 दिनों के अंदर यह पोर्टल देश की सभी आधिकारिक भाषाओं में काम करने लगेगा। उन्होंने निजी सुरक्षा एजेंसी क्षेत्र के महत्व और उपयोगिता का जिक्र करते हुए कहाकि उनका मानना है कि इस क्षेत्र में कम से कम दो-तीन करोड़ लोगों को रोजगार देने की क्षमता है।

यहां अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में मंगलवार को प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी लाइसेंसिंग पोर्टल लांच करते हुए कहा कि यह एक बहुत अच्छा कदम  है कि निजी सुरक्षा एजेंसियों की लाइसेंसिंग के लिए पूरी पारदर्शिता के साथ एक पोर्टल की शुरुआत की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल में कुछ और विशेषताएं बाद में जोड़ी जाएंगी। गृह मंत्रालय ने तय किया है कि 90 दिनों के अंदर यह पोर्टल देश कि सभी आधिकारिक भाषाओं में उपलब्ध होगा । उन्होंने कहा कि अभी कई आयाम हैं जो पोर्टल में जोड़े जा सकते हैं। हम इसमें प्रशिक्षण और अन्य पहलूओं को भी जोड़ सकते हैं। उन्होंने निजी सुरक्षा एजेंसी के क्षेत्र में कार्यरत लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि गृह मंत्रालय अगले कुछ महीनों में ऐसा करेगा जिससे निजी सुरक्षा गार्डों के क्षेत्र को बहुआयामी गति मिलेगी।

शाह ने कहा कि निजी सुरक्षा एजेंसी के क्षेत्र में काम करने वाले लोग किसी तरह से भी धोखाधड़ी और जालसाजी करने वाली एजेंसियों के झांसे में न आ सके इसलिए पोर्टल पर यह भी जानकारी उपलब्ध होगी की किस राज्य में कितनी लाइसेंस एजेंसियां हैं। उन्होंने कहा कि  वह स्वयं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर उन्हें सुझाव देंगे कि इसके लिए एक प्रचार अभियान चलाकर लोगों को बताएं कि उन्हें लाइसेंस प्राप्त एजेंसी पर ही भरोसा करना चाहिए।

केंद्रीय गृहमंत्री ने निजी सुरक्षा एजेंसियों के महत्व और उपयोगिता का जिक्र करते हुए कहा कि निजी सुरक्षा गार्डों के बिना व्यापार और उद्योगों की सुरक्षा  और उनका विस्तार एक तरह से असंभव है। शाह ने कहा कि उनका मानना है कि किसी भी तरह की अवैध गतिविधि का सामना सबसे पहले एक निजी सुरक्षा करता है। ये वे लोग हैं जो हमारी सुरक्षा, व्यवसाय के विरुद्ध होने वाली गतिविधियों का सबसे पहले सामना कर उनको रोकने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि जब मुंबई में 26/11 आतंकी हमला हुआ था तो दो स्थानों होटल और विक्टोरिया टर्मिनस पर आतंकियों का सामना सबसे पहले निजी सुरक्षा कर्मियों ने किया था। जिससे आतंकियों की  नुक्सान पहुंचाने की क्षमता काफी कम हो गयी थी ।

शाह ने कहा कि पहले जब कोई सिक्योरिटी गार्ड रखता था तो उसकी पुलिस वेरिफिकेशन कराने में काफी मुश्किल आती थी, किंतु आज आज देश के 90 प्रतिशत थाने एक कम्प्यूटर से लिंक हो गए हैं और जिनका वेरीफिकेशन आसानी से हो जाएगा। इससे आपको भी सुनिश्चितता हो जाएगी की आप जिसे सिक्योरिटी गार्ड  को रख रहे हैं इसका कोई आपराधिक रिकार्ड तो नही है। यह पोर्टल एक-एक सुरक्षा गार्ड के पुलिस सत्यापन को पार करने में भी मदद करेगा।

उन्होंने निजी सुरक्षा एजेंसियों के संचालकों से अपील की कि जब वह सुरक्षाकर्मियों की भर्ती करते हैं, तो कही न कहीं ये मानदंड भी रखें कि नेशनल कैडेट कोर  (एनसीसी) का प्रशिक्षण लिए हुए लोगों को भर्ती किया जाए।

इस अवसर पर गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला समेत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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