रांची: रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठते रहे है. इसी को दुरुस्त करने को लेकर हॉस्पिटल में होम गार्ड जवानों को तैनात किया गया था. जिससे कि बाहर के लोगों पर रोक लगाने के साथ कैंपस में व्यवस्था को दुरुस्त रखा जा सके. लेकिन ये लोग बाकी काम छोड़ कॉलेज में पढ़ रहे स्टूडेंट्स पर हावी हो रहे हैं. कुछ ऐसी ही घटना मंगलवार को देखने को मिली. जेडीए ने बताया कि होमगार्ड जवानों ने मेडिकोज को घेरकर उनके साथ मारपीट की और अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली. वहीं होम गार्ड जवानों ने भी जूनियर डॉक्टरों पर मारपीट का आरोप लगाया है. इसमें होम गार्ड जवानों को चोटें आई है. वहीं जूनियर डॉक्टर भी घायल हुए है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. बता दें कि बाहर के लोगों को रिम्स कैंपस में घूमने की मनाही है. ऐसे में स्टूडेंट्स को आईडी कार्ड साथ रखने कहा जाता है. लेकिन कार्ड रहने के बावजूद मेडिकोज के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है.
आइकार्ड दिखाने पर भी किया दुर्व्यवहार
एक महिला गार्ड ने रिम्स की एक छात्रा को आई डी कार्ड दिखाने के बाद भी उसे स्टेडियम में घुसने से मना किया. इतना ही नहीं उससे दुर्व्यवहार किया और उसके साथ धक्का-मुक्की की. जबकि उस समय स्टेडियम के अंदर बाहरी लोग भी मौजूद थे. मेडिकोज जब उस छात्रा के हित में बात करने आए तो महिला गार्ड ने अपने नशे में धुत सहकर्मियों को बुलाया जिन्होंने ठीक से कपड़े भी नहीं पहने थे. हाथों में डंडा लिए उन्होंने स्टूडेंट्स को घेर लिया और धमकी दी कि किसी को जाने नहीं देंगे और शटर बंद करने लगे. इस दौरान महिला गार्ड मौके से भाग गयी और उसके सहकर्मी छात्रों के साथ हाथापायी पर उतर आए. सूचना मिलने पर डीएमएस पहुंचे और मेडिकोज को आश्वासन दिया कि दोषी होमगार्ड पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही होगी.
मेडिकोज ने बताया कि इससे पहले भी होमगार्ड के कई किस्से सामने आयें है. जिनमें छात्रावासों में महिला गार्ड ने छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार किया है. 10 बजे से 5 मिनट भी देरी होने पर छात्राओं को अंदर घुसने नहीं दिया जाता और काफी बहस करने के बाद छात्राओं को कहा जाता है कि बाहर रहने के कारण ही उनके साथ बुरी घटनायें होती हैं. उन्हें छात्राओं को सुरक्षा करने का आदेश दिए जाने के बावजूद वे अपना काम छोड़ पूरे दिन फोन चलाते हुए नज़र आती हैं और सीधे छात्राओं के चरित्र पर अनुचित टिप्पणी करने लगती हैं.