रांची: रांची में रथयात्रा को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है. कोरोना संक्रमण के कारण दो साल बाद इसका आयोजन किया जा रहा है. जगन्नाथपुर के मुख्य मंदिर से मौसीबाड़ी के लिए निकाली गई रथ यात्रा में इस बार आम लोग भी शामिल हो पाएंगे. बता दें की इस बार रथ यात्रा के लिए 40 फीट ऊंची रथ का निर्माण किया गया है.
अषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि यानी आज (01 जुलाई) को रथ यात्रा निकाली जाएगी. इस पर्व के बारे में लोगों का मानना है कि इसमें बड़े सौभाग्य वालों को ही शामिल होने का मौका मिलता है. मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों को सभी तीर्थों का फल मिल जाता है.
रांची में भगवान जगन्नाथ की यात्रा के लिए 12 साल बाद नए भव्य रथ का निर्माण किया गया है. रथ को खींचने के लिए 101 फीट की रस्सी भी तैयार की गई है. इसी रथ पर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ यात्रा पर निकलेंगे.
पिछले दो महीने से ओडिशा के पुरी से आए 10 कारीगर दिन रात मेहनत कर रथ का निर्माण कर रहे थे. पुरी के कारीगरों ने बताया कि इस बार भगवान जगन्नाथ के लिए एक भव्य रथ तैयार किया गया है. जिसकी हाइट 40 फीट है और चौड़ाई 26 फीट है. रथ को खींचने के लिए कम से कम 100 लोगों की जरूरत होगी.
जगन्नाथपुर में रथयात्रा के दौरान 10 दिनों तक मेला लगता है. इस मेले में आने वाले लोगों को कई चीज आकर्षित करती है. लेकिन मिठाई के शौकीन लोगों के लिए जगन्नाथपुर मेले में कई ऐसे ही मिठाइयां हैं, जिसे देखकर किसी के भी मुंह में पानी आ जाए. जगन्नाथपुर मेले में सबसे ज्यादा बिकने वाली मिठाइयों में पहले स्थान पर बालूशाही तो दूसरे नंबर पर गाजा और तीसरे पर खाजा है. इन तीनों मिठाइयों की मेले में जबरदस्त मांग होती है.
रांची में होने वाले ऐतिहासिक जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं. एक जुलाई को रथ यात्रा और 10 जुलाई को घुरती रथ के दौरान ट्रैफिक रूट में बदलाव होगा. इसके लिए ट्रैफिक एसपी ने आदेश जारी किया है. ट्रैफिक पुलिस की ओर से 50 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. ट्रैफिक पुलिस ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. इसके लिए रूटमैप और पार्किंग स्थल तय कर लिए गए हैं.