Joharlive Desk
नयी दिल्ली। भारत की यात्रा पर आए स्वीडन के राजा कार्ल सोलहवाँ गुस्टाफ़ और महारानी सिल्विया ने हिंदी की प्रसिद्ध कवयित्री तेजी ग्रोवर को साहित्य एवं अनुवाद के जरिये भारत स्वीडन के सम्बन्धों को मजबूत बनाने के लिए नाईट की उपाधि से सम्मानित किया है।
श्रीमती ग्रोवर को कल स्वीडन दूतावास में ‘स्वीडी’ कविता के अनुवाद से साहित्य को प्रचारित प्रसारित करने के लिए ‘रॉयल आर्डर ऑफ पोलर स्टार’ सम्मान दिया गया जो नाईट की उपाधि प्रदान की। इस अवसर पर भारत में स्वीडन के राजदूत भी थे। श्रीमती ग्रोवर हिंदी की पहली लेखक हैं जिन्हें यह सम्मान मिला है।
उन्होंने स्वीडी भाषा के 23 कवियों के अलावा स्वीडी कवि लार्स लुंडकविस्ट का कविता संग्रह ‘टूवे ओल्गा ऑरोरा’
तथा ‘ऑन जाडरलुंड’ की कविता का संचयन ‘फीका गुलाबी रंग’ का अनुवाद किया है। इसके अलावा उनकी अपनी कविताओं का एक संचयन स्वीडी भाषा में इसी साल आया है।
श्रीमती ग्रोवर ने यह सम्मान मिलने पर यूनीवार्ता से कहा कि स्वीडन पृथ्वी पर मेरे अपने घर जैसा देश है। जब तक नौकरी थी, पैसा बचाकर वहीं जाती थी। स्वीडी कविता के अनुवाद इसी तरह सम्पन्न हुए। बीच बीच में कभी-कभी स्वीडन से कोई बुलावा भी आ जाता था, तो कवियों के साथ बैठकर सारे अनुवाद सीधे स्वीडी भाषा से सम्पन्न हुए हैं।
उन्होंने कहा कि वह इस अनुवाद कार्य के लिए करीब 15 बार स्वीडन गई।
नाईट की उपाधि और मेडल मेरे लिए स्वप्निल सी चीज़ है। मेरे मरणोपरांत मेडल को स्टॉकहोम के केंद्रीय गिरजाघर के अजायबघर में रखा जाएगा। श्रीमती ग्रोवर पंजाब विश्वविद्यालय में अंग्रेजी की प्रोफेसर रह चुकी हैं। उन्हें भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार समेत अनेक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।