रांची: पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से मुलाकात करने के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा मोरहाबादी मैदान स्थित आवास पर पहुंचे. इस मुलाकात के दौरान नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी भी उनके साथ थे. यह मुलाकात चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के बाद पहली बार हुई है.
चंपाई सोरेन ने शुक्रवार को अपने संबोधन में झारखंड मुक्ति मोर्चा और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अप्रत्यक्ष रूप से चुनौती दी. उन्होंने कहा कि उन्होंने अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और झारखंड में आदिवासियों पर अत्याचार किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सोरेन ने बीजेपी में शामिल होने के अपने फैसले को आदिवासी परंपरा को बचाने के प्रयास के रूप में बताया. सोरेन ने दिल्ली में हुई जासूसी का भी जिक्र करते हुए कहा कि उनके खिलाफ जासूसी कराई गई, जो उन्हें निराश करता है. उन्होंने कहा कि वह दिल के साफ व्यक्ति हैं और यह उम्मीद नहीं करते थे कि झारखंड के लिए आंदोलन करने वाले के साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा.
सोरेन ने बीजेपी में शामिल होने के पीछे के कारणों को बताते हुए कहा कि देश में केवल दो प्रमुख पार्टियाँ हैं—भाजपा और कांग्रेस. उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलन के दौरान सबसे अधिक गोलीबारी कांग्रेस ने की थी. वर्तमान में झारखंड की स्थिति आदिवासियों की अस्मिता का सवाल है, और इसलिए उन्होंने बीजेपी में शामिल होकर आदिवासियों की परंपरा और उनके अधिकारों की रक्षा करने का निर्णय लिया है. सोरेन ने दावा किया कि कांग्रेस कभी भी आदिवासियों के हित में नहीं रही, और यही कारण है कि उन्होंने बीजेपी का समर्थन किया है.
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