JoharLive Desk

शिमला: हिमाचल में बारिश-भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। प्रदेश में एक पर्यटक, मां-बेटियों और दादा- पोती समेत 21 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दो लोग बह गए। दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। शिमला में नौ, सोलन में पांच, चंबा में तीन, कुल्लू में दो और बिलासपुर-सिरमौर जिलों में 1-1 लोगों की जान गई है।
प्रदेश में नौ नेशनल हाईवे समेत 887 से ज्यादा सड़कें बाधित रहीं। कालका-शिमला और पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेल ट्रैक मलबा और पेड़ गिरने से ठप रहे। प्रदेश के तीनों एयरपोर्ट गगल, भुंतर और शिमला में हवाई उड़ानें प्रभावित रहीं। प्रदेश में हाईवे समेत सैकड़ों सड़कें कई मीटर तक बह गईं। दर्जनों पुल क्षतिग्रस्त हो गए। कुल्लू-मनाली, लाहौल और किन्नौर में हजारों देसी-विदेशी सैलानी और बौद्ध भिक्षु फंस गए हैं। बारिश से 100 के करीब घर और गोशालाएं जमींदोज हो गई हैं। इस सीजन में अब तक करीब 190 लोगों की मौत हो चुकी है।

भारी बारिश से शिमला शहर में पांच लोगों की मौत हो गई। इनमें मां और उसकी दो बेटियां शामिल हैं। आरटीओ कार्यालय के पास एक कच्चे मकान पर मलबा आने से तीनों की जान चली गई। भट्ठाकुफर और जुब्बड़हट्टी के समीप भी भूस्खलन से दो लोगों की मौत हो गई। शहर में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। शहर में 50 से ज्यादा वाहन भूस्खलन और पेड़ गिरने से चकनाचूर हो गए। करीब सौ पेड़ कहर बनकर टूटे। शिमला के नारकंडा के कोनथरू गांव में एक मकान पर पेड़ गिरने से दो नेपाल मूल के लोगों की मौत हो गई, पांच अन्य घायल हैं।

ठियोग में खड्डे में बहने से महिला की मौत हो गई, जबकि उसकी बेटी लापता है। रोहड़ू के हाटकोटी में ट्रक पर पत्थर गिरने से एक व्यक्ति की जान चली गई। सोलन जिले के नालागढ़ के मानपुरा के समीप मानकपुर गांव में मकान जमींदोज हो गया। मलबे में दबने से पिता-पुत्र की मौत हो गई। बीबीएन की सरसा नदी में एक तीन साल की बच्ची बह गई, जिसका शव कड़ी मशक्कत से स्थानीय लोगों ने निकाला। मृतक की पहचान नहीं हो सकी है। बद्दी में दीवार गिरने से एक की मौत हो गई, जबकि एक घायल है। हरिपुर संडोली में भी एक की जान गई है।

चंबा के मैहला के बंदला में एक दो मंजिला मकान ध्वस्त होने से सो रहे दादा और नौ वर्षीय पोती की मौत हो गई। अन्य लोग घायल हुए हैं। सियूर पंचायत के आगसन में मवेशियों को लेने गई महिला नाले में बह गई। पति ने उसे बचाने के लिए छलांग लगा दी, लेकिन जब तक उसे निकाला उसकी मौत हो गई थी। कुल्लू के बंजार के जीभी में एक कैफे में बाढ़ का पानी घुसने से एक व्यक्ति बह गया है। उसका कोई अता पता नहीं लगा है। मणिकर्ण-बरशैणी मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आने से तेलंगाना के राघव (22) की जान चली गई। मनाली के पांडूरोपा में भी मंडी निवासी की मौत हो गई।

बिलासपुर के छड़ोल के पास एनएच पर मलबा आने से एक ट्रक चालक समेत खाई में गिर गया। चालक की मौके पर ही मौत हो गई। घुमारवीं में भूस्खलन से आठ मकान ध्वस्त हो गए। बारिश के चलते पच्छाद के डिलमन में एक ट्रक डंगा धंसने से खाई में गिर गया, जिससे चालक की मौके पर ही मौत हो गई। सिरमौर के टिंबी इलाके में नेड़ा खड्ड में आई बाढ़ से किराये के मकान में चल रही पीएचसी, आधा दर्जन मकान समेत घराट ढह गए। कई मकान खाली करवा दिए।

भाटगढ़, नारग, शिलाई व संगड़ाह में आधा दर्जन मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। मंडी में पंचवक्त्र मंदिर पानी में डूब गया है, जबकि ऐतिहासिक विक्टोरिया पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी है। वार्ड-13 में श्मशानघाट के पास पार्क नगर परिषद और स्थानीय लोगों की करीब आधा दर्जन गाड़ियां ब्यास में बह गईं। नदी में एक जेसीबी भी डूब गई है। मंडी-कुल्लू एनएच पर दवाड़ा के पास ब्यास नदी का पानी नेशनल हाईवे पर आ गई। घंटों आवाजाही ठप रही। कुल्लू के अखाड़ा बाजार में दो माह पहले तैयार किया पुल का आधा हिस्सा ब्यास में बह गया।

सूबे के जनजातीय जिलों लाहौल-स्पीति और किन्नौर की चोटियां और रिहायशी इलाके शनिवार रात को सफेद हो गए। अगस्त में बर्फबारी से ऊपरी इलाकों में ठंड बढ़ गई है। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल रोहतांग में भी हिमपात हुआ है। जिला मुख्यालय केलांग तक बर्फ जम गई।

हिमाचल में वर्ष 2011 के बाद बारिश का रिकॉर्ड टूटा है। प्रदेश में चैबीस घंटे में 102.5 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। गत 14 अगस्त, 2011 में चैबीस घंटे में 74 एमएम बारिश हुई थी। राज्य भर में 24 अगस्त तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान लगाया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि पहली जून से 18 अगस्त, 2019 तक प्रदेश में 530.7 एमएम बारिश हुई, जो कि सामान्य से 3 फीसदी कम है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बताया कि राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों को स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने तथा स्थानीय लोगों और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस दो दिन की भारी बारिश में राज्य को लगभग 490 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

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