JoharLive Desk

इंदौर । मध्यप्रदेश का हाईप्रोफाईल मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में गत दिवस एक जनहित याचिका दायर लगाई गई है, जिसमें मामले की जांच में गड़बड़ी होने की आशंका जताई गई है, साथ ही मांग की गई है कि मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में कराई जाए। यह याचिका इंदौर निवासी शेखर चौधरी नामक व्यक्ति द्वारा दायर की है।

याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता धर्मेन्द्र चेलावत के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि राज्य शासन ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन तो कर दिया है, लेकिन बार-बार एसआटी में अधिकारियों को बदला जा रहा है। कुछ दिन पहले आईपीएस संजीव शमी को एसआईटी का प्रमुख बनाया था, लेकिन बाद में बदल दिया गया। जो भी अधिकारी जांच कर रहे हैं, वे राज्य शासन के अधीन हैं, ऐसी स्थिति में जांच के अप्रभावित रहने की संभावना कम है। जांच सीबीआई या किसी केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जाए और हाई कोर्ट दिन प्रतिदिन इसकी निगरानी करे, जिससे निष्पक्ष जांच हो सके। याचिका में आरोप है कि सरकार इस मामले की जांच की दिशा भटकाने का प्रयास भी कर रही है। बार-बार जांच अधिकारी बदले जा रहे हैं। जैसे ही जांच आगे बढ़ती है, सरकार एसआईटी के अधिकारियों को बदल देती है। ऐसी स्थिति में जांच में गड़बड़ी की आशंका है।

दरअसल, मध्यप्रदेश में हाईप्रोफाईल हनीट्रैप मामले की जांच के लिए पुलिस मुख्यालय द्वारा विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन गिया है, जिसमें आईजी डी श्रीनिवास वर्मा चीफ थे। इसके दो दिन बाद ही उन्हें हटाकर संजीव शमी को एसआईटी चीफ बना दिया गया। उन्होंने भी तीन दिन मामले की जांच की, लेकिन इसके बाद उन्हें भी हटा दिया गया और डीजी राजेंद्र कुमार को एसआईटी चीफ बना दिया गया। बार-बार एसआईटी चीफ बदलने से हनीट्रैप मामले की गोपनीयता पर सवाल खड़े हो गए। इसी के चलते हाईकोर्ट में गुरुवार को याचिका दायर की गई है, जिसमें हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई या किसी केन्द्रीय जांच एजेंसी से मामले की जांच करने की मांग की गई है।

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