Joharlive Team

रांची । यौन शोषण के आरोपों में घिरे विधायक प्रदीप यादव की जमानत पर झारखंड हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। प्रदीप यादव की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। प्रदीप यादव पर अपनी ही पार्टी की महिला नेत्री के यौन शोषण का आरोप लगा है। वे फिलहाल जेल में हैं।

बता दें कि झाविमो की महिला नेत्री के यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपित विधायक प्रदीप यादव ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट में अग्रि‍म जमानत याचिका दाखिल की थी। हालांकि अग्रिम जमानत नहीं मिलने पर उन्‍होंने निचली अदालत में सरेंडर कर दिया था। पार्टी की एक महिला नेत्री की प्राथमिकी के बाद निचली अदालत ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया था। तब देवघर पुलिस ने प्रदीप यादव को गिरफ्तार करने के लिए कई जगहों पर छापेमारी की थी।
18 जून को देवघर कोर्ट ने मामले को लेकर विधायक प्रदीप यादव की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इससे पहले 17 जून को विधायक के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा था, जिसे सुनने के बाद एडीजे प्रथम ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जेवीएम के पूर्व महासचिव और पोड़ैयाहाट से विधायक प्रदीप यादव पर जेवीएम की महिला नेत्री ने यौन उत्‍पीड़न का मामला दर्ज कराया है।

13 जून को प्रदीप यादव ने दर्ज कराया था अपना बयान

13 जून को प्रदीप यादव ने साइबर थाना में एसडीपीओ विकास चंद्र श्रीवास्तव और आइओ संगीता कुमारी के सामने अपना बयान दर्ज करवाया था। पुलिस ने बंद कमरे में उनसे दो घंटे तक पूछताछ की थी। इससे पहले प्रदीप यादव को अपना पक्ष रखने के लिए सात जून तक का समय दिया गया था, लेकिन प्रदीप यादव ने थोड़ा समय मांगा था। इसके बाद उन्हें 13 जून तक का समय दिया गया था।

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