Joharlive Team
रांची । नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान अधिकारियों के रवैये पर कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन ने सुनवाई के दौरान कहा कि ‘राज्य सरकार के अधिकारी लॉ यूनिवर्सिटी में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने में अड़ंगा न डालें। उन्होंने कहा कि इतनी बढ़िया यूनिवर्सिटी राज्य में चल रही है, उसे आगे बढ़ने में अधिकारी अड़ंगा लगाते हैं’, जो उचित नहीं है।
झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि, झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राज्य की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों न्यायाधीशों ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की। वहीं याचिकाकर्ता, और सरकार के अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने अपने आवासीय कार्यालय से पक्ष रखा। अदालत ने मामले में सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने माना कि, राज्य सरकार के अधिकारी विश्वविद्यालय को आगे बढ़ने में अड़ंगा लगाते हैं। अदालत ने कहा कि अधिकारी इसमें अड़ंगा न लगाएं। अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि विश्वविद्यालय में जो मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराए जाने की जरूरत है, उसके लिए 163 करोड़ रुपये के खर्च की जरूरत है। अदालत ने राज्य सरकार को इस पर निर्णय लेकर आगे कार्य करने का निर्देश दिया। साथ ही प्रोग्रेस रिपोर्ट भी मांगी। इस मामले में अदालत अब 25 मार्च को सुनवाई करेगी।