रांची। कांके विधायक समरी लाल का जाति प्रमाण पत्र राज्य जाति छानबीन समिति से खारिज किए जाने के मामले में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को मामले में एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार किया है। कोर्ट ने कहा कि 29 मार्च को मामले की विस्तृत सुनवाई होगी।
हाई कोर्ट की एकल पीठ के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार एवं सुरेश बैठा की अपील पर आज झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। राज्य सरकार और सुरेश बैठा की ओर से कोर्ट को बताया गया कि समरी लाल मूल रूप से राजस्थान के निवासी हैं, उनके पूर्वज माइग्रेट होकर झारखंड आए हैं। समरी लाल की ओर से अधिवक्ता कुमार हर्ष और सूरज किशोर प्रसाद ने पक्ष रखा। एकल पीठ के आदेश के खिलाफ रोक लगाने से फिलहाल इनकार किया है। कोर्ट ने कहा कि 29 मार्च को मामले की विस्तृत सुनवाई होगी।
हाई कोर्ट की एकल पीठ ने 31 जनवरी को विधायक समरी लाल के जाति प्रमाण पत्र मामले में स्क्रूटनी कमेटी के आदेश को रद्द किया था। साथ ही निर्देश दिया था कि इस मामले की सुनवाई के लिए एक अलग कमेटी बनायी जाये। सुरेश बैठा ने झारखंड हाई कोर्ट में एलपीए दाखिल कर एकल पीठ के इसी आदेश को चुनौती दी है। समरी लाल ने हाई कोर्ट के कास्ट स्क्रूटनी कमेटी के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनके जाति प्रमाण पत्र को गलत करार दिया गया था। याचिका में कहा गया है कि स्टेट स्क्रूटनी कमेटी ने बिना किसी गवाह और ठोस साक्ष्य के उनके जाति प्रमाण पत्र को गलत करार दिया, जो निराधार है।