रांची: झारखंड के न्यायाधीश डॉक्टर एसएन पाठक की अदालत ने टाउन प्लानर नियुक्ति परीक्षा परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने टाउन प्लानर नियुक्ति परीक्षा को रद्द करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने यह माना कि जेपीएससी द्वारा ली गई परीक्षा प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं है। इसलिए इसे रद्द नहीं किया जा सकता है।
फैसला सुनाने के दौरान सफल अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि हाई कोर्ट में इधर याचिका लंबित थी। उधर राज्य सरकार ने जेपीएससी द्वारा भेजी गई अनुशंसा को स्वीकृत कर रद्द कर दिया है। जिस पर अदालत ने कहा कि जब अदालत में याचिका लंबित थी। तो सरकार को ऐसा निर्णय नहीं लेना चाहिए। यह उचित नहीं है।
झारखंड हाई कोर्ट में पूर्व में सुनवाई पूरी कर ली गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया था कि विज्ञापन में दिए गए शर्त के बावजूद सर्टिफिकेट जमा करने के लिए तिथि कैसे बढ़ाई गई? किस नियम के तहत उसे बढ़ाया गया है? क्या जेपीएससी के पास यह अधिकार है? जिस पर अदालत ने जेपीएससी को अपना जवाब पेश करने को कहा था।
अदालत के आदेश के आलोक में झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से शपथ पत्र के माध्यम से जवाब पेश किया गया। जवाब के माध्यम से अदालत को जानकारी दी गई थी कि आयोग को तिथि में बदलाव करने का अधिकार है। इसलिए आयोग ने अभ्यर्थियों से प्रमाण पत्र जमा करने की तिथि में बदलाव किया है। अदालत ने आयोग के पक्ष को सुनने के उपरांत फैसले को सुरक्षित रख लिया था उसी फैसले को सुनाया गया है।
2020 में झारखंड लोक सेवा आयोग के द्वारा टाउन प्लानर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था। नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई। सरकार को नियुक्ति के लिए अनुशंसा भेज दिया गया है। नियुक्ति के परिणाम को याचिकाकर्ता विवेक कुमार एवं पायल कुमारी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। उनका कहना था। कि यह परिणाम गलत है, इसे हटा कर मेरी नियुक्ति की जानी चाहिए। इसी मामले पर झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है।