रांची : सदर अस्पताल रांची में पहली बार TEP विधि से हर्निया का ऑपरेशन किया गया है. इसके बाद मार्च महीने की शुरुआत में सर्जरी विभाग ने एक नई उपलब्धि हासिल कर ली है. टेप विधि (Totally Extra Peritoneal ) द्वारा इंगुइनल हर्निया का ऑपरेशन किया गया. ऐसा माना जा रहा है कि झारखंड के किसी भी सदर अस्पताल में यह पहली बार इस तकनीक से आपरेशन किया गया है. इस विधि में बिना पेट के अंदर गए, पेट की दीवार की परतों के बीच जगह बनाकर, हर्निया की थैली को छुड़ा कर उसे काट कर बांध देते है. इसके बाद प्रोलिन जाली बिछा दी जाती है.
डॉ अजीत ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया तीन अत्यंत छोटे छेदों के द्वारा की गई. इस विधि के अनेक फायदे हैं. जैसे कि आपरेशन के बाद ब्लीडिंग नहीं के बराबर होता है. दर्द बहुत कम होता है. इसके अलावा मरीज अपने दिनचर्या में बहुत जल्द (2-3दिनों में) वापस लौट जाते हैं. इतना ही नहीं चीरा का कोई दाग नहीं रहता है. दोबारा हर्निया होने का खतरा बहुत कम होता है. अत्याधुनिक लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के लिए हाई स्किल की जरूरत होती हैं. उन्होंने बताया कि आम तौर पर निजी और कारपोरेट अस्पतालों में संपन्न मरीज ही इसे करवाते हैं. अमूमन यह आपरेशन महंगी होती हैं.
कोकर रांची के रहने वाले जय किशुन यादव 46 वर्ष काफी लंबे समय से दाहिने तरफ हर्निया से परेशान थे. उनके पास आयुष्मान कार्ड भी नहीं था. इसके बावजूद सदर में ऑपरेशन निःशुल्क किया गया. आपरेशन करने वाली टीम में लेप्रोस्कोपीक सर्जन डॉक्टर अजीत कुमार, एनेस्थिसिया के डॉ दीपक, डॉ विकास वल्लभ, ओटी स्टाफ सरिता, शशि, लखन, सुशील, मुकेश, पूनम शामिल थे.
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