मांडू: झारखंड में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी के झारखंड चुनाव प्रभारी, हिमंता बिस्वा सरमा ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके समर्थकों पर तीखे हमले किए. हिमंता सरमा ने कहा, “कल्पना जी हर मीटिंग में एक ही नारा लगाती हैं, ‘हेमंत दुबारा’.लेकिन अब वह समय नहीं रहा. अब झारखंड का युवा बोलेगा, ‘झारखंड का युवा दोबारा. सरमा ने आरोप लगाया कि झारखंड में न सिर्फ सरकार ने राज्य की जनता के लिए कुछ नहीं किया, बल्कि सरकार के रवैये ने धार्मिक असमानताएं और समाज में बंटवारे को बढ़ावा दिया है. उन्होंने खासकर जामताड़ा और पाकुड़ जैसे क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि वहाँ शुक्रवार को स्कूलों को नमाज के कारण बंद किया जाता है, और इस पर सवाल उठाया कि अगर ऐसा है तो हिंदू समाज के लोग मंगलवार को स्कूल बंद करने की मांग क्यों नहीं कर सकते.

सांसदों पर हमला और झारखंड में घुसपैठ का मुद्दा
सरमा ने झारखंड में घुसपैठियों का मुद्दा भी उठाया और कहा, “झारखंड में घुसपैठियों ने संथाल और अन्य आदिवासी क्षेत्रों में जमीन हड़प ली है, और यह घुसपैठी बेतहाशा बढ़ रहे हैं। इन घुसपैठियों के खिलाफ हमें चुनाव में एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी.” उन्होंने यह भी कहा कि अगर इरफान अंसारी और आलमगीर आलम दोबारा चुनाव जीतते हैं, तो हिंदू समाज को यहां अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ेगा.

धार्मिक असमानताओं का आरोप
सरमा ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार रामनवमी और दुर्गा विसर्जन जैसे धार्मिक जुलूसों को आयोजित करने की अनुमति नहीं देती है, जबकि मोहर्रम के समय लाठी से सुसज्जित जुलूस निकाले जाते हैं. उन्होंने कहा, “जो सरकार हमें रामनवमी का जुलूस निकालने की अनुमति नहीं देती, उसे गंगा में बहा देना चाहिए.” उनका यह बयान भाजपा के हिंदू वोट बैंक को एकजुट करने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.

वादा – युवाओं और बुजुर्गों के लिए योजनाएं
हिमंता बिस्वा सरमा ने झारखंड के युवाओं और बुजुर्गों के लिए कई योजनाओं का भी वादा किया। उन्होंने कहा, “एनडीए सरकार बनने पर हम झारखंड के युवाओं के लिए 3 लाख सरकारी नौकरियां देंगे. सीजीएल की परीक्षा दोबारा होगी, और जेपीएससी के चेयरमैन की नियुक्ति करेंगे.” साथ ही, उन्होंने बुजुर्गों के लिए पेंशन बढ़ाने का वादा किया और कहा, “हम बुजुर्गों की पेंशन 2500 रुपये करेंगे, और माताओं-बहनों को 2100 रुपये देंगे.

बीजेपी, आजसू और जेडीयू का गठबंधन
सरमा ने यह भी कहा कि 25 साल बाद बीजेपी, आजसू और जेडीयू मिलकर झारखंड में एक नई सरकार बनाएंगे और राज्य को विकास के नए रास्ते पर ले जाएंगे. उन्होंने यह दावा किया कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी नहीं सोचा था कि झारखंड में इरफान अंसारी और आलमगीर आलम जैसे नेता शासन करेंगे, और अब समय आ गया है कि झारखंड को विकास की दिशा में आगे बढ़ाया जाए.

चुनाव की दिशा
सरमा ने यह स्पष्ट किया कि यह चुनाव सिर्फ मांडू या झारखंड के किसी एक इलाके का नहीं है, बल्कि यह पूरे राज्य के लिए निर्णायक होगा। “यह चुनाव रोटी, बेटी और माटी को बचाने का चुनाव है। यह हमारे समाज, संस्कृति और धर्म को बचाने का चुनाव है,” सरमा ने कहा .हिमंता बिस्वा सरमा का यह बयान राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा की चुनावी रणनीति को मजबूत करने का प्रयास माना जा रहा है, जहां पार्टी घुसपैठियों, धार्मिक असमानताओं और राज्य की बदहाल स्थिति को प्रमुख चुनावी मुद्दों के रूप में उभारने की कोशिश कर रही है.

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