Joharlive Team
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार बच्चियों को हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ेंगी।
श्री सोरेन ने दिल्ली से रेस्क्यू कर झारखण्ड लाई गई बच्चियों से मुलाकात के बाद कहा कि गरीब का जीवन जन्म से ही संघर्षशील होता है। इस क्रम में राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्र में निवास करने वाले बच्चे एवं बच्चियां मानव तस्करी का शिकार हो जाती हैं और देश के विभिन्न राज्यों में उन्हें काम पर लगा दिया जाता है। जहां उन्हें अपनी इच्छा के विपरीत कार्य करना पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे में कई संस्थाओं एवं अन्य माध्यमों से बच्चियों पर नजर रखी जाती है। सरकार समय-समय पर ऐसी बच्चियों को रेस्क्यू भी करती है। इस कड़ी में राज्य की 45 बच्चियों की आज घर वापसी हुई है। झारखण्ड की बच्चियां अन्य राज्य जाकर दाई व आया का काम करें। यह पीड़ादायक है। सरकार इसको लेकर चिंतित है। सरकार ने इसपर संज्ञान लिया है।
श्री सोरेन ने कहा कि राज्य की बच्चियों को नर्स का प्रशिक्षण प्रदान कर, उन्हें हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ा गया। उनके आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त हुआ। वे देश के बड़े अस्पतालों में बतौर नर्स मानव सेवा कर रहीं हैं। सरकार का यह संकल्प है कि मानव तस्करी की शिकार बच्चियों को हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में कार्य होगा। बच्चियों की इच्छा के अनुरूप सरकार निर्णय लेगी। वयस्क होने तक सभी बच्चियों को प्रतिमाह दो हजार रुपये दिया जाएगा। वयस्क बच्चियों को रोजगार से जोड़ने का कार्य होगा। उनकी जिंदगी का नया सफर प्रारंभ होगा। इस प्रारंभ में सरकार सदैव बच्चियों के साथ है।
इस मौक़े पर सांसद विजय हांसदा, विधायक मथुरा महतो, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अविनाश कुमार, सचिव पूजा सिंघल, डी.के सक्सेना एवं विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।