रांची : पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. ED ने पीएमएलए कोर्ट में दाखिल रिमांड आवेदन में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व उनके करीबी आर्किटेक्ट विनोद सिंह के बीच वाट्सएप पर बातचीत के चैट का उल्लेख किया है. ED ने दोनों के बीच बातचीत से संबंधित कुल 539 पन्ने कोर्ट में पेश किए हैं. ED द्वारा पेश किए गए वाट्सएप चैट में बहुत सी संपत्ति से संबंधित सामग्री है. हेमंत सोरेन ने उक्त वाट्सएप के प्रिंटआउट पर हस्ताक्षर से इंकार किया. हालांकि, हेमंत सोरेन ने यह स्वीकार किया कि उक्त चैट उनके बीच बातचीत से ही संबंधित है.
मिली जानकारी के अनुसार, वाट्सएप चैट में केवल विभिन्न संपत्तियों से संबंधित गोपनीय सूचनाओं का आदान-प्रदान ही नहीं था, बल्कि ट्रांसफर-पोस्टिंग, सरकारी दस्तावेज का आदान-प्रदान आदि भी एक-दूसरे से शेयर किया गया था. इसके एवज में बड़ी मात्रा में धन की उगाही की गई और उसका लेन-देन हुआ. एक पन्ने में दो अधिकारियों को होटवार व हजारीबाग में पोस्टिंग दिलाने को लिखा गया था. इसी तरह एक आईएएस का नाम लिखकर उसके पदस्थापन के बारे में लिखा गया है. ट्रांसफर-पोस्टिंग के कई व्हाट्सएप चैट का जिक्र ED ने किया है.
वहीं, बंगाल के चर्चित कोयला माफिया अनूप मांझी उर्फ लाला से भी मुलाकात के लिए विनोद सिंह ने चैट में लिखा है.पेश किए गए चैट से पता चलता है कि विनोद सिंह का वाट्सएप चैट से अन्य लोगों से भी था, जो अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से संबंधित था. विनोद सिंह के वाट्सएप चैट में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) आदि की प्रतियोगिता परीक्षाओं से संबंधित विभिन्न पहचान पत्र भी शेयर किए गए हैं.
यही नहीं, विनोद सिंह के पास जेएसएससी परीक्षा में शामिल होने वाले कई अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड भी मिले हैं. ED ने जेएसएससी पेपर लीक में एडमिट कार्ड के विनोद सिंह के पास से मिलने को गंभीरता से लिया है.