रांची। हेमंत सोरेन से जुड़े शेल कंपनी के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में आज की खत्म हो गई है । अगली सुनवाई 30 जून को होगी। शिवशंकर शर्मा की याचिका 4290 ऑफ 2021 और 727 ऑफ 2022 की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और जस्टीस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच में हुई सुनवाई।
हाईकोर्ट ने 10 जून को मामले की मेरिट पर सुनवाई करने की बातें कही थी। मामले पर राज्य सरकार का पक्ष वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अधिवक्ता मिनाक्षी अरोड़ा ने पक्ष रखा। मिनाक्षी अरोड़ा ने अदालत से कहा कि याचिकाकर्ता की तरफ से सात पूरक शपथ पत्र दायर किये गये हैं, जिसकी कापी हमें नहीं मिली है। इसके अलावा शीर्ष अदालत में 4290 औऱ् 727 याचिका के विरुद्ध एसएलपी दायर कर दी गयी है। शीर्ष अदालत का फैसला आने तक हाईकोर्ट में सुनवाई को स्थगित रखा जाये। उन्होंने 11 जुलाई तक टाइम पीटिशन देने की मांग की. वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि याचिककर्ता ने अपने पाँचवें सप्लिमेंट्री में कहा है की मुख्यमंत्री ने अपने करीबी और सहयोगी को फ़ायदा पहुंचाया है तो सुनवाई करने से पहले उनको नोटिस किया जाए।
उन्होंने कहा कि हमें मेंटैंबलिटी या मेरिट पर दलील पेश करने से पहले मामले में सीएम के भाई, बहन,पत्नी कई साथी और करीबी को भी आरोपी बनाया है आपके अंतिम फ़ैसले से सभी प्रभावित होंगे उन्हें उनके पक्ष रखने का मौक मिलना चाहिए।मुख्यमंत्री का पक्ष रख रही मिनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि हमने कई सप्लिमेंट्री में जवाब दाखिल नहीं किया। मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन ने कड़ी टिप्पनी करते हुए कहा कि अदालत की बातें सभी को सुननी होगी. उधर याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार ने कहा है कि सरकार ने याचिकाओं को लेकर काउंटर एफीडेविट फाइल किया है. उन्होंने कोर्ट से कहा कि विपक्षी पार्टियों की ओर से मामले की सुनवाई पर बेवजह टालने की कोशिश हो रही है। शेल कम्पनी मामले में वरीय अधिवक्ता आर बछावत ने हस्तक्षेप याचिका दायर की।