रांची : सीएम के अभीभाषण के बाद हेमंत सोरेन को विधानसभा अध्यक्ष ने अपनी बात रखने का मौका दिया. उन्होंने चंपाई सोरेन सरकार को समर्थन देने की बात कही. साथ ही कहा कि 31 जनवरी की काली रात काला अध्याय है. देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री या पूर्व मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी पहली घटना है. इस घटना में कहीं ना कहीं राजभवन भी शामिल रहा है. मैं बहुत आश्चर्यचकित हूं इसलिए कि मैं एक आदिवासी वर्ग से आता हूं. नियम कायदे, कानून की जानकारी का थोड़ा अभाव है. सही गलत की समझ तो हर इंसान और जानवर में भी होती है. लेकिन बड़े ही सुनियोजित तरीके से 31 जनवरी की पटकथा लिखी जा रही थी. 2022 से ही ये पकवान पकाया जा रहा था. बड़े ही सुनियोजित तरीके से मुझे अपनी गिरफ्त में लिया है. बाबा भीमराव अंबेडकर का जो सपना था की सभी लोग एक साथ आए. लेकिन जिस तरह से बाबा भीमराव अंबेडकर ने अपना समाज छोड़ा था. आने वाला समय कहीं आदिवासियों के लिए भी ऐसा ना हो.

हेमंत सोरेन ने कहा कि हम लोग सर झुकाना नहीं जानते. मुझे जिस जमीन के नाम पर गिरफ्तार किया गया है. उस जमीन के कागजात दिखाएं. जमीन अगर मेरे नाम से हुई तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा. हमारी पार्टी और गठबंधन चंपाई सरकार के साथ है.

मुझे जेल भेज कर यह लोग सोचते हैं कि मुझे हरा देंगे तो यह गलत है. यह लोग नहीं चाहते कि देश का आदिवासी ऊपर जाए. उन्होंने कहा कि मैं आंसू बहाने वाला नहीं अपने आंसू संभाल कर रखूंगा. उन्होंने कहा कि मैं जहाज में उड़ा तो इनलोगों को तकलीफ हुई. बीएमडब्ल्यू में चला तो भी उन्हें तकलीफ हुई.

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