- 10 अगस्त 1975 को शिबू सोरेन और रूपी सोरेन के घर हुआ जन्म, पटना में हुई प्रारंभिक शिक्षा
- पिता शिबू सोरेन तीन बार रह चुके हैं झारखंड के मुख्यमंत्री, बड़े भाई दिवंगत दुर्गा सोरेन भी रहे थे विधायक
- जेल जाने के बाद पत्नी कल्पना सोरेन की राजनीति में हुई एंट्री, गांडेय से हैं विधायक, दो बेटे हैं हेमंत-कल्पना के
रांची : हेमंत सोरेन (Hemant Soren) आज 28 नवंबर को फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं, जो उनकी झारखंड के इस महत्वपूर्ण पद पर चौथी बार ताजपोशी होगी. बता दें कि हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में 31 जनवरी 2024 को ED ने गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और जेल भी गए. हालांकि, फिर वह जेल से बाहर आए और 4 जुलाई को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की जगह ली. अब 23 नवंबर को आए झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद वह मुख्यमंत्री बन रहे हैं. आइए जानते हैं हेमंत सोरेन के बारे में विस्तार से…
जन्म, प्रारंभिक शिक्षा और परिवार
हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को शिबू सोरेन और रूपी सोरेन के घर हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पटना से की और फिर रांची के बीआईटी (मेसरा) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की. हालांकि किसी कारणवश वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए. इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग फर्मों में काम किया. हेमंत की शादी कल्पना सोरेन से हुई है और उनके दो बेटे हैं. इस चुनाव में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने गांडेय विधानसभा सीट से जीत हासिल की.
जब राजनीति में रखा कदम
हेमंत सोरेन का राजनीतिक करियर उनके पिता की राजनीतिक विरासत से जुड़ा हुआ है. शिबू सोरेन, जो तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे, हेमंत के लिए आदर्श रहे हैं. हेमंत सोरेन के बड़े भाई दिवंगत दुर्गा सोरेन भी विधायक रहे थे. हेमंत ने 2005 में दुमका सीट से अपना पहला चुनाव लड़ा था. हालांकि वे हार गए थे. लेकिन 2009 में उन्होंने राज्यसभा में सदस्य के तौर पर प्रवेश किया और फिर 2009 के विधानसभा चुनाव में दुमका सीट से जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता छोड़ दी और विधानसभा में कदम रख दिया.
अर्जुन मुंडा के कार्यकाल में डिप्टी सीएम और फिर मुख्यमंत्री बनने का सफर
हेमंत सोरेन का राजनीतिक सफर कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा है. अर्जुन मुंडा के तीसरे कार्यकाल में वे 2010 से 2013 तक उपमुख्यमंत्री रहे. इसके बाद जुलाई 2013 में उन्होंने पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनका पहला कार्यकाल करीब 17 महीने का रहा. 2014 में झामुमो को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, और भाजपा सत्ता में आई. हालांकि, हेमंत सोरेन फिर से 2019 में महागठबंधन के साथ सत्ता में आए. उनका दूसरा कार्यकाल चुनौतियों से भरा रहा, जिसमें चुनावी कानून उल्लंघन के आरोप, भूमि घोटाले और ईडी की गिरफ्तारी प्रमुख रहे.
और अब रिकार्ड चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की ओर
झारखंड में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की है. इस जीत के साथ ही हेमंत सोरेन ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. उनकी जीत का परचम बरहेट सीट से लहराया, जहां उन्होंने भाजपा के गैमेलियल हेम्ब्रोम को 39,791 वोटों के अंतर से हराया. उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने भी गांडेय विधानसभा सीट से जीत दर्ज की.