रांची : कड़कड़ाती ठंड में नए साल का आगाज सियासी सरगर्मी के साथ हुआ है. साल का पहला सप्ताह बड़ी राजनीतिक गतिविधियों से भरा होने जा रहा है. दरअसल, राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी झामुमो के गाँडेय विधायक डॉ. सरफराज अहमद के अचानक इस्तीफा देने से सूबे की सियासत में उफान आ गया है. स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है. इसको लेकर झारखंड विधानसभा सचिवालय की ओर से गांडेय विधानसभा सीट रिक्त होने से संबंधित अधिसूचना सोमवार को जारी कर दी गई है. इस्तीफे के बाद से राज्य में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है.
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि ईडी की अगली कार्रवाई पर अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने कोई विषम परिस्थिति पैदा होती है, तो वह अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सत्ता सौंप सकते हैं. इसके बाद कल्पना सोरेन को आदिवासी, अल्पसंख्यक बहुल अनारक्षित सीट गांडेय से चुनाव मैदान में उतार सकते हैं. इसको लेकर सत्ता पक्ष ने अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया है, लेकिन कयास यही है कि हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ओडिशा की रहने वाली हैं, ऐसे में उन्हें अनारक्षित सीट से ही लड़ाया जा सकता है. गांडेय अनारक्षित सीट है. अल्पसंख्यक और आदिवासी बहुल होने के कारण गठबंधन के लिए गांडेय एक सुरक्षित सीट के तौर पर देखा जा रहा है.
झामुमो सरकार में सहयोगी दल कांग्रेस पार्टी और राजद को भी विश्वास में लिया जा रहा है. वैसे सूबे में पांच जनवरी तक बड़े सियासी बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं. इस्तीफा देने के कारणों पर पूछे जाने पर डॉ. सरफराज अहमद ने कहा कि इस्तीफा उनका व्यक्तिगत फैसला है. यह कदम उन्होंने गठबंधन सरकार और इसके नेतृत्व को मजबूत करने के लिए उठाया है. वह झामुमो की मजबूती के लिए पूरी शिद्दत से काम करते रहेंगे. पार्टी से नाराजगी का प्रश्न ही नहीं है. डॉ. सरफराज अहमद ने अपना इस्तीफा 31 दिसंबर को दिया. इसी दिन से गांडेय विस सीट को रिक्त होने की अधिसूचना विस सचिवालय ने जारी की है.