रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज चक्रधरपुर और सरायकेला में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए राज्य की जनता से आगामी विधानसभा चुनाव में भारी मतदान करने की अपील की. चक्रधरपुर में उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के उम्मीदवार सुखराम उरांव के समर्थन में एक सभा को संबोधित किया. इस दौरान मुख्यमंत्री सोरेन ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी नीति हमेशा ‘फूट डालो और राज करो’ की रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग समाज को बांटने का काम कर रहे हैं और अपनी राजनीतिक फायदे के लिए आदिवासी समाज को आपस में विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं.

असम और मणिपुर पर कसा तंज

मुख्यमंत्री ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी कड़ी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, “असम में आदिवासियों को आज तक आदिवासी का दर्जा और आरक्षण नहीं मिला है. वहीं, मणिपुर में आदिवासी लड़की को सरेआम निर्वस्त्र कर घुमाया गया, लेकिन न तो असम के मुख्यमंत्री और न ही पीएम मोदी ने इस पर कुछ कहा.”

गुजरात और छत्तीसगढ़ पर आरोप

सीएम ने गुजरात में बिलकिस बानो केस के आरोपियों को संरक्षण देने की बात भी उठाई और कहा, “ये लोग नारी सम्मान की बात करने के योग्य नहीं हैं.” उन्होंने छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के प्रति राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना की और कहा, “वहां आदिवासियों को उनके जंगलों और जमीन से बेदखल किया जा रहा है.”

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों का असली उद्देश्य झारखंड की खनिज संपदा और संसाधनों पर कब्जा करना है. “झारखंड के आदिवासियों से नहीं, बल्कि इन लोगों को यहां की खनिज संपदा से मोह है.”

पेंशन और सम्मान योजनाओं का जिक्र

हेमंत सोरेन ने राज्य सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि झारखंड पहला राज्य है, जिसने अपने कर्मचारियों के लिए पेंशन देने की घोषणा की है. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का भी जिक्र किया और बताया कि दिसंबर से इस योजना के तहत मिलने वाली राशि को बढ़ाकर 2500 रुपये किया जाएगा.

भविष्य की योजनाएं और सुखराम उरांव की जीत की अपील

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उनकी अगली सरकार हर घर में एक लाख रुपये देने का वादा करेगी. साथ ही, उन्होंने राज्य में बाहरी नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि “जो बाहरी नेता गिद्ध की तरह यहां घूम रहे हैं, उन्हें भगाने के लिए सुखराम उरांव को जीताना जरूरी है.” मुख्यमंत्री ने अंत में झारखंड की जनता से भरोसा जताते हुए उन्हें अपनी सरकार को फिर से मौका देने की अपील की और कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा झारखंड के हित में काम किया है.

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