रांची  : भारत सरकार राज्य के विकास के लिए फंड दे रही है. राज्य सरकार के पास विकास का कोई विजन नहीं है, पूरे प्रदेश में लूट मची हुई है. हेमंत सरकार ने भ्रष्टाचार में कीर्तिमान स्थापित किया है. चाहे विद्यार्थियों की प्रतियोगी परीक्षा हो या शुद्ध पेयजल के लिए नल जल योजना हो, सड़क-बिजली सभी कल्याणकारी योजनाओं में सरकार के मंत्री व अधिकारी लूट मचा रखे हैं. ये बातें भारतीय जनता पार्टी के गौरव वल्लभ ने प्रेस वार्ता में कहीं.

मोदी सरकार ने झारखंड को दिए 57301 करोड़

उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में केंद्र सरकार ने ढाई लाख करोड़ रुपए झारखंड सरकार को दिया है. सरकार खर्च करने में सक्षम नहीं है. कुल मिलाकर अभी तक इन 10 वर्षों में मोदी सरकार से 57301 करोड़ रुपए झारखंड सरकार को मिला है. श्री वल्लभ ने कहा कि रेलवे से 37972 करोड़ रुपए राज्य सरकार को मिला. झारखंड में सड़क पर केंद्र सरकार ने 17000 करोड़ रुपए खर्च किया है. ट्राईबल डेवलपमेंट के लिए 917 करोड़ भारत सरकार ने दिए हैं.

नल जल योजना में 5.45 करोड़ ही खर्च कर पाई हेमंत सरकार

हेमंत सरकार नल जल योजना की कुल राशि 11000 करोड़ में मात्र 5.45  करोड रुपए ही खर्च कर पाई है. इस सरकार को विकास से कोई लेना-देना नहीं है. 23 नवंबर को झारखंड की जनता एक ईमानदार सरकार एनडीए गठबंधन को देने जा रही है, उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने डिजिटल डकैती की है, किसान अपनी फाइल में खेत का कागज ढूंढ रहे हैं. ऑनलाइन किसी और का नाम चढ़ गया है. केंद्र द्वारा भेजे गए ढाई लाख करोड़ रुपए खर्च क्यों नहीं हुए. एक तरफ नीति नेता और नियत मोदी जी की है, वहीं दूसरी ओर नीति बेल बाउंड पर है. इस मौके पर भाजपा नेता जोगेंद्र प्रताप सिंह, प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा भी उपस्थित थे.

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