रांची: गुरुवार को हेमंत सोरेन कैबिनेट ने एतिहासिक फैसला लेते हुए राज्य और जिला स्तर पर होने वाली नियुक्तियों में स्थानीय रीति रिवाज और परिवेश के ज्ञान को अहम बताते हुए अभ्यर्थियों को झारखंड के संस्थानों से मैट्रिक पास करना अनिवार्य कर दिया है.
झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 27 प्रस्तावों पर मुहर लगी है. मंत्रिपरिषद ने जेपीएससी और जेएसएससी की ओर से क्लास 2 और क्लास 3 की नियुक्ति नियमावली में संशोधन की मंजूरी देते हुए प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के बदले अब एकमात्र मुख्य परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है. मुख्य परीक्षा में तीन पत्र होंगे, जिसमें भाषा ज्ञान क्वॉलिफाइंग होगा. वहीं, दूसरा पत्र क्षेत्रीय जनजाति भाषा का होगा, जो अनिवार्य होगा. इसमें न्यूनतम 30 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा. तीसरा पत्र सामान्य ज्ञान का होगा, जिसमें भी न्यूनतम अंक लाना अनिवार्य होगा. दूसरे और तीसरे पत्र को जोड़कर मेधा अंक तैयार होगा. राज्यस्तरीय पदों के लिए स्थानीय क्षेत्रीय 12 भाषाएं होंगी.
अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर लगी मुहर
मानसून सत्र 3 से 9 सितंबर तक आहूत होगा. जेपीएससी में तीन सदस्य अजीता भट्टाचार्य, अनिमा हांसदा और जमाल अहमद के मनोनयन की स्वीकृति दी गई. सरकारी विभागीय परीक्षा में अब हिन्दी टंकण 25 शब्द प्रति मिनट का होगा. 10 मिनट में अभ्यर्थियों को 250 शब्द टंकण करनी होगी. वहीं, अब डेढ़ के बदले अब 2% तक गलती माफ होगी. इसके अलावा झारखंड राज्य समाहरणालय लिपिकीय संवर्ग नियुक्ति प्रोन्नति नियमावली की मंजूरी दी गई.