Joharlive Team
रांची: केंद्र सरकार कोरोना संकट से देश को उबारने के लिए और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तैयारियों में जुटी है। इसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 41 कोयला ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसको लेकर झारखंड में घमासान मचा है।
इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कई आरोप लगाया है। उन्होंने मोदी सरकार को बिजनेसमैन से घिरी सरकार तक बता दिया है। साथ ही राज्य के कोयला ब्लॉकों को नीलामी को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का रुख करने की भी बात कही है। इसीलिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि कोल ब्लॉक की नीलामी पर जल्दी बाजी ना किया जाए। वहीं, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि भारत के संविधान में संघीय ढांचा है। ऐसे में केंद्र सरकार को कोल ब्लॉक नीलामी मामले पर राज्य सरकार से राय मशवरा करनी चाहिए थी और मदद लेनी चाहिए थी, लेकिन केंद्र सरकार जल्दबाजी में इस तरह की फैसला ले रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कोल ब्लॉक आवंटन पर केंद्र के फैसले को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इस कदम से झारखंड को सर्वाधिक लाभ मिलेगा। वहीं, हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार को फैसले का स्वागत करने के बजाय विरोध में सुप्रीम कोर्ट जा रही है, यह बात समझ से परे है।
कोल ब्लॉक नीलामी पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बीजेपी विधायक दल के नेता आमने-सामने आ गए हैं। सोमवार को पहली बार इस मामले में एक-दूसरे पर सीधा हमला बोला है। सीएम ने प्रोजेक्ट भवन में केंद्र को चेतावनी दी कि राज्य सरकार अपने हक-अधिकार सुनिश्चित करेगी। वहीं, बाबूलाल मरांडी पर तंज कसते हुए कहा कि नया-नया मुल्ला बहुत ज्यादा प्याज खाता है।