रांची। झारखंड हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की कोर्ट में गुरुवार को 21 साल से आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे सुरेंद्र सिंह रौतेला उर्फ सुरेंद्र सिंह बंगाली को रिहा करने का आग्रह करने वाली क्रिमिनल रिट की सुनवाई हुई। मामले में राज्य सरकार की ओर से प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 13 फरवरी निर्धारित की है।
पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया था कि इसके खिलाफ कई और केस है, जो लंबित है इसलिए इन्हें रिहा नहीं किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि लालपुर थाना कांड संख्या 31/ 1996 में हत्या से जुड़े एक मामले में सुरेंद्र बंगाली को रांची सिविल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। वर्ष 2001 में सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र बंगाली के फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदला था। इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट ने वर्ष 2000 में सुरेंद्र बंगाली के फांसी की सजा को कंफर्म किया था।
याचिकाकर्ता की ओर से याचिका दाखिल कर कहा गया था कि वर्ष 1984 की एक बिहार सरकार की एक पॉलिसी है जिसे झारखंड सरकार ने अंगीकृत किया है। इसके तहत आजीवन कारावास में जेल में 14 साल से अधिक समय बिताने के बाद अभियुक्त को रिहा करने पर कंसीडर किया जाएगा। याचिकाकर्ता की ओर से याचिका दाखिल कर कहा गया है कि वह इस मामले में 21 साल से अधिक समय से जेल में है, इसलिए उसे रिहा किया जाना चाहिए।