रांची: मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद निलंबित IAS अधिकारी पूजा सिंघल ने नए कानून के तहत कस्टडी पर रिहाई की मांग की है. उनके वकील ने इस मामले में आंशिक बहस की और कहा कि नए कानून के तहत यदि कोई आरोपी लंबे समय से जेल में है और उसकी न्यायिक हिरासत की अवधि उस अपराध के लिए दी जाने वाली अधिकतम सजा की एक तिहाई से अधिक हो गई है, तो उसे जमानत दी जा सकती है. यह मामला रांची की विशेष PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट में चल रहा है, जहां पूजा सिंघल की रिहाई को लेकर सुनवाई जारी है. शुक्रवार को अदालत ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के अधिक्षक से पूजा सिंघल की जेल में बिताई अवधि और उनके न्यायिक हिरासत की जानकारी मांगी थी. जेल प्रशासन ने अदालत को सूचित किया कि पूजा सिंघल पिछले 28 महीनों से जेल में बंद हैं. पूजा सिंघल के वकील का कहना है कि नए कानून के तहत उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि को ध्यान में रखते हुए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए. इस पर ईडी की तरफ से बहस की जाएगी और शनिवार को इस मामले पर अदालत फैसला सुनाएगी.