रांची। झारखंड हाईकोर्ट में शेल कंपनी, खान आवंटन और मनरेगा घोटाला मामले की अधूरी सुनवाई पूरी हो गयी। मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में मामले की सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, मुख्यमंत्री के एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा, महाधिवक्ता राजीव रंजन, याचिकाकर्त्ता के वकील राजीव कुमार कोर्ट में चल रही जिरह में शामिल हुई। खंडपीठ के समक्ष आज की बहस पूरी हुई. मामले की अगली तिथि 22 जुलाई को मुकर्रर की गयी। आज की सुनवाई में याचिकाकर्त्ता शिव शंकर शर्मा के अधिवक्ता राजीव कुमार ने याचिका संख्या 4290 ऑफ 2021 से रमेश केजरीवाल, राजीव अग्रवाल, निधि अग्रवाल, प्रेम नाथ माली और रंजन साहू के नामों को रिस्पांडेट के रूप में हटाया। कोर्ट की तरफ से विधायक बसंत सोरेन और रवि केजरीवाल को नोटिस किया गया है। खंडपीठ ने कहा की इस मामले में फिलहाल इन लोगों पर बहस की जरूरत नहीं, मामले में आगे अगर आएंगे तो देखा जाएगा. कोर्ट में पहले पूरक शपथ पत्र पर सुनवाई भी की गयी।

बता दें, मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में एक जुलाई को शिव शंकर शर्मा की दो याचिका और अरुण दुबे की एक याचिका पर बहस शुरू हुई थी। एक जुलाई को याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार ने अपना पक्ष रखा था, वहीं लंदन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सरकार का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा था। उस दिन 5 घंटे से अधिक समय तक बहस हुई थी, जो अधूरी रही थी। इसके बाद मामले की सुनवाई पांच जुलाई को तय थी। पर खंडपीठ के नहीं बैठने की वजह से आज की तारीख तय की गयी है। आज याचिका संख्या 4290 ऑफ 2021 और खान आवंटन मामला 727 तथा इन दोनों मामलों में दायर की गयी हस्तक्षेप याचिका (इंटरएलोक्यूटरी पीटीशन) पर भी बहस होगी।

जानकारी के अनुसार, शेल कंपनी मामले में मुख्यमंत्री की तरफ से हस्तक्षेप याचिका दायर की गयी है, जिसमें कहा गया है कि शिव शंकर शर्मा की तरफ से याचिका दायर कर उनकी छवि को खराब किया जा रहा है। याचिकाकर्त्ता शिव शंकर शर्मा के खिलाफ मंत्रीमंडल समन्वय विभाग के संयुक्त सचिव चंद्रभूषण प्रसाद की तरफ से यह याचिका दायर की गयी है, जिसमें सीआरपीसी की धारा 340 का हवाला देते हुए शेल कंपनियों की याचिका को खारिज करने की मांग की गयी है. याचिकाकर्त्ता की तरफ से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और भाभी सरला मुर्मू की कंपनी सोहराय लाइव स्टॉक फर्म्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ झूठे दस्तावेज और गलतबयानी करने का आरोप लगाया गया है।

वहीं इस कंपनी में किये गये निवेश एवं पूंजी को गलत बताने की कोशिश पर भी सवाल उठाया गया है। याचिका में कल्पना सोरेन के नाम से ली गयी 11 एकड़ की जमीन आवंटन पर भी दलील दी गयी है, कहा गया है कि औद्योगिक उद्देश्य से आवंटित की गयी जमीन का लीज रद्द हो गया है।चतरा में प्रतापपुर आइटीआइ के निर्माण को लेकर भी कई दस्तावेज संलग्न किया गया है। सरकार ने दावा किया है कि टेंडर निर्गत होने के बाद ही निविदा रद्द हो गयी थी। शिव शंकर शर्मा की याचिका अदालत को गुमराह करने के लिए दाखिल की गयी है।

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