रांची : पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली क्रिमिनल रिट याचिका की सुनवाई आज झारखंड हाईकोर्ट में हुई. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई.

कपिल सिब्बल ने दी थी ये दलील

इस मामले में हेमंत सोरेन की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा. अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखते हुए कहा कि “यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कैसे हो सकता है” “यह शेड्यूल क्राइम नहीं है इसलिए मनी लाउंड्रिंग का मामला नहीं बनता है. “ईडी के काउंटर एफिडेविट में जिक्र, याचिका मेंटेनेबल नहीं है”.

सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पक्ष रखा. ईडी ने कहा हेमंत सोरेन ने गलत तरीके से जमीन ली है. ईडी की ओर से एएसजीआइ एसवी राजू ने पक्ष रखते हुए कहा कि इस याचिका को खारिज किया जाना चाहिए. क्योंकि हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी के पास पर्याप्त सबूत है. शेड्यूल ऑफेंस का मामला बनता है. बड़गाईं अंचल के उप-निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के सहयोग से हेमंत सोरेन ने बड़गाईं अंचल की 8.5 एकड़ पर कब्जा कर रखा था. भानु प्रताप, सीओ मनोज कुमार, सीएमओ के कर्मी और जमीन के केयरटेकर ने भी उक्त जमीन का संबंध हेमंत सोरेन से बताया है. उन्होंने बताया है कि इस जमीन पर हेमंत 3 बार गये भी थे. विनोद सिंह के साथ हेमंत सोरेन के वाट्सअप चैट में इस जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाये जाने की बात सामने आयी है. मालूम हो कि हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी और रिमांड को कोर्ट में चुनौती दी थी. हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को गलत बताया था.

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