रांची: हाईकोर्ट में गुरुवार को रिम्स को लेकर सोशल एक्टिविस्ट ज्योति शर्मा की ओर से दायर पीआईएल पर सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि रिम्स में वीआईपी कल्चर है. बेड के अभाव में सामान्य मरीजों का इलाज जमीन पर होता है. स्वास्थ्य विभाग रिम्स चलाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है और नौकरशाहों के हस्तक्षेप के कारण रिम्स की आधारभूत संरचना में सुधार नहीं हो रहा है. ऐसी स्थिति में रिम्स को बंद कर देना चाहिए. कोर्ट में डॉक्टरों के नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस लेने के बावजूद प्राइवेट प्रैक्टिस और खराब पड़ी मशीनों को लेकर भी कोर्ट ने फटकार लगाई. कोर्ट ने शुक्रवार को स्वास्थ्य सचिव और रिम्स डायरेक्टर को हाजिर होने को कहा है. बता दें कि इससे पहले भी रिम्स की मशीनों और डॉक्टरों की कार्यशैली को लेकर कोर्ट ने डायरेक्टर को सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया था.