देवघर। अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) देवघर में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराये को लेकर दर्ज की गयी जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। एम्स निदेशक के हलफनामे में कहा गया है कि सड़क, बिजली सब स्टेशन और अन्य मामले पर सरकार की तरफ से सपोर्ट नहीं मिल रहा है। सुनवाई के दौरान जब अदालत ने राज्य सरकार से पूछा तो सरकार ने जवाब देने के लिए समय मांगा. मामले की अगली सुनवाई 1 सप्ताह बाद 11 मई को होगी।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने यह याचिका दायर की थी। मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंदा सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। सुनवई के पहले देवघर एम्स के निदेशक ने हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार से बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने का कई बार आग्रह किया गया, पर सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई अब तक नहीं की गयी। सरकार की तरफ से कोई रिस्पांस ही नहीं दिया जा रहा है। देवघर एम्स में विद्युत सब स्टेशन, एप्रोच रोड, रेलवे ओवर ब्रिज तथा अन्य सुविधाएं राज्य सरकार को विकसित करनी है। देवघर एम्स के बगल में केंद्रीय विद्यालय का भी निर्माण किया जाना है।
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